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विषय और प्रश्नावि
यह सुरकुमार वेदन कपाय मरण वैक्रिय तैज स सम० निर्णय ८१४ पृथिवीकायादि निरूपण द्वीन्द्रिय यावत्पचेद्रिय वेदनादि यावत् समवहता में कौन किस्से ' घोठा घणा इत्यादि ष्यधिकार ८१६ मनुष्य वेदनादि यावत्केवलिसमु० समषहता समयहतो में कौन किस्से ८१७ कपायसमु० चारप्रकार क्रोधादि के चार मेदसे, नारकी को ४ कपाय समु० एव यायमा निक्क एकेक नारको को कितने क्रोधसमु० एवं यात्र अतीतः इत्यादि । एकत्व पृथक से
एवं लोमंसर
यह नारकी वेदत्ता कषाय मरण वैकियक एकक नारकी के नारकीपमे कितने
विषय और प्रश्नाति
तक वैमानिक को वैमानिकपणे मे, एव २४ । २४ दशक, वैक्रिय जैसे कषाय, तैजस जैसे
पत्राक
मारणातिक ८०७
एकेक नारकी के नारकीपने कितने महारक तीत इत्यादि ८०6 एकेक नारकी के नारकीपर्णे कितने कंवलि स० tata इत्यादि वैमानिक पर्यन्त मनुष्य में नेद है, एष तेजससमु० पर्यन्त कहा यह वेदनादि समु० यावत्केवलि समु० समयहत महत बीयों में कौन किस्से पोछा षणा इत्यादि अधिकार | ८१२
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समन्व
हस्पतियों
पत्राक