Book Title: Yugpravar Shree Vijayvallabhsuri Jivan Rekha aur Ashtaprakari Puja
Author(s): Rushabhchand Daga
Publisher: Rushabhchand Daga

View full book text
Previous | Next

Page 30
________________ [फ] स्वर्गस्थ मुनि श्री जय विजयजी महाराज के शिष्य प्रशिष्यादिः - १ मुनि श्री प्रताप विजयजी महाराज x गुणविजयजी २ ३ ” कपूर विजयंजी कनक विजयजी राम विजयजी 59 स्वर्गस्थ दक्षिण विहारी मुनिराज अमर विजयजी महाराज के शिष्य प्रशिष्यादिः - ३ ४ ", "" ३ ४ "" "" १ मुनि श्री चतुर विजयजी महाराज X देव विजयजी २ "" "" "" "" गणिवर्य श्री जनक विजयजी महाराज जीत विजयजी महाराज स्वर्गस्थ मुनि श्री प्रेमविजयजी महाराज के शिष्य "" " प्रशिष्यादि : १ मुनि श्री माणिक विजयजी महाराज मानविजयजी ܕܕ १ श्री जैन "" नरेन्द्र विजयजी सन्तोष विजयजी पूज्य आचार्य श्री को स्वकृत रचनाएँ X 99 भानु २ नवयुग निर्माता Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat "" 59 www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126