Book Title: Yugpravar Shree Vijayvallabhsuri Jivan Rekha aur Ashtaprakari Puja
Author(s): Rushabhchand Daga
Publisher: Rushabhchand Daga
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विहार अहमदाबाद, श्री चिमनलाल नगीनदास कन्या गुरुकुल अहमदाबाद, श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञान मंदिर पाटण, श्री आत्मानन्द जैन लायब्रेरी जूनागढ़, श्री आत्मानन्द जैन लायब्ररी वेरावल, श्री आत्मानन्द जैन कन्या पाठशाला, वेराबल, श्री आत्मानन्द जैन औषधालय वेरावल, श्री आत्मानन्द जैन सभा भावनगर, श्री आत्मानन्द जैन लायब्ररी पूना सिटी, श्री महावीर जैन विद्यालय पूना सिटी श्री महावीर जंन विद्यालय बम्बई, आदि आदि छोटी बड़ी शिक्षण देने वाली अनेक संस्थाओं तथा प्राचीन ग्रन्थों की रक्षा हेतु अनेक ज्ञान भंडारों एवं धर्म प्रचार के लिये अनेक गगनचुम्बी मन्दिरों और प्रतिमाओं आदि की स्थान-स्थान पर स्थापना करवाई |
किसो व्यक्ति को आपके विचार समझ में न आते तो शान्ति से शास्त्रों का पाठ उपस्थित कर अपने विचारों का सामने वाले व्यक्ति से समर्थन कराकर जैन तथा जैनेतरों के हृदय पर विजय प्राप्त करते थे ।
नाभा, नांदोद, बड़ौदा, लिंबड़ी, पालीतना, उदयपुर, सैलाना, जेसलमेर, आदि के राजा-महाराजाओं, तथा पालनपुर, मालेरकोटला, मांगरोल, खंभात, सचीन, राधनपुर आदि के नबाबों एवं बड़ौदा, भावनगर, लिंबड़ी, रतलाम, सैलाना, वांसवाड़ा, खंभात, नांदोद, आदि के दीवानों और खुड़ाला, बिजोवा वरकाना, बीजापुर, नाणा, वेड़ा आदि के ठाकुर साहबों को
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