Book Title: Yugpravar Shree Vijayvallabhsuri Jivan Rekha aur Ashtaprakari Puja
Author(s): Rushabhchand Daga
Publisher: Rushabhchand Daga

View full book text
Previous | Next

Page 112
________________ ( ७६ ) • वर्तमान शहर कलकत्ता, बंग प्रदेश कहलाया । .. मातु पान बाई सुत ऋषभ, करी रचना मंगल गाया || १३|| पूजा है अष्ट प्रकारी, राग रागिनी मधुर भाया । साधु शुभ भाव से पूजे, श्रावक द्रव्य भाव अपनाया || १४ || विजय वल्लभ सूरि पट्टधर, विजय समूद्र सूरि राया । करो प्रेरणा कृति काजे, कृपा फल नीर वरसाया ||१५|| ६ १ ० २ . विक्रम रस चन्द्र भू कर में, वदी आसोज शुभ दाया । एकादशी गुरु जयन्ति को, शहर आगरा आनन्द छाया ||१६|| • समुद्र सद्गुरु दर्श ऋषभ, पूर्वं पूण्य उदय पाया । पुरण रचना हुई आजे, परम आनन्द मन पाया ||१७|| ॥ सम्पूर्ण ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126