Book Title: Upasakdasha Shrutam
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 46
________________ उपासक दशाम ॥२२॥ ल्लउट्टियाकभल्लसंटाणसंठियं निडालं, मुगुंसपुंछं व तस्स भुमगाओ फुग्गफुग्गाओ विगयवीभच्छदसणाओ, सीसघडिविणिग्गयाइं अच्छीणि विगयवीभच्छदंसणाई, कण्णा जह सुप्पकत्तरं चेव विगयवीभच्छदंसणिजा, उरब्भपुडसन्निभा से नासा, झुसिराजमलचुल्लीसंठाणसंठिया दो वि तस्स नासापुडया, घोडयपुंछं व तस्स मंसूई कविलकविलाई विगयबीभच्छदसणाई. उट्ठा उद्देस्स चव लम्बा, फालसरिसा से दन्ता, जिब्भा जह सुप्पकत्तरं चेव विगयवीभच्छदंसणिज्जा, हलकुद्दालसंठिया से हणुया, गल्लकडिलं च तस्स खडं फुटुं कविलं फरुसं महलं. मुइङ्गाकारोवमे स खन्धे, पुरवरकवाडोवमे से वच्छे, कोट्ठियासठाणसंठिया दो वि तस्स बाहा, निसापाहाणसंठाणसंठिया दो वि तस्स अग्गहत्था, निसालोढसंठाणसंठियाओ हत्थेसु अङ्गुलीओ, सिप्पिपु डगसंठिया से नक्खा, पहावियपसेवओ व्व उरंसि लम्बन्ति दो वि तस्स थणया, पोटें अयकोटुओ व वटैं, 13 पाणकलन्दसरिसा से नाही, सिक्कगसंठाणसंठिए से नेत्ते, किण्णपुडसंटाणसंठिया दो वि तस्स वसणा, जम लकोट्ठिया संठाणसंठिया दो वि तस्स ऊरू, अज्जणगुद्रं व तस्स जाणई कडिलकडिलाई विगयबीभच्छदंA सणाई, जङ्घाओ करकडीओ लोमहिं उवचियाआ, अहरीसंटाणसंठिया दो वि तस्स पाया, अहरोलोढसं. ठाणसंठियाओ पापसु अङ्गुलीआ. सिप्पिपुडमंठिया से नकवा ॥ १४ ॥ NRNAA%

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