Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
View full book text
________________
औ० १९ रा०
२०
जी० २१ प्रज्ञा०२२
॥९॥
इको जायइ मरह
इको मे सासओ अप्पा इक्का य होइ रयणी
raat t after मे कोइ इक्खू य इक्खुवाडी इच्छामि० उत्तम पि इच्छामि भंते! उत्तम इच्छामुत्ति भणित्ता इच्छामो अणुस इच्छिजर जत्थ सया जण विप्पओगो
सु
णमो सुगगइपहो इह व मुहुत्ते इहि सयं विसिस्स उ
इति एस पाहुडत्था
इति एस पाहुडत्था
२७-१४७८
इत्थ किर विमाणाणं
२७-१४९
२७-१०९ २७-११०० २७-१२९४ २७-१३१४
२७-१२१४
२७-१४६
इत्थ० चत्तारि महासुक्के इत्थ पुण भावणाओ इत्थि विसेसो भण्णइ २२- ३५ इत्थवेदस्स णं भंते! कम्म० २१-५२सू० इत्थीए णाभिहिट्ठा २७-४५६ इत्थी णं भंते! इस्थिति का० २१-४९सू० इत्थी णं भंते ! ०टिती०
२७-७४ २७- १ सू०
२७-२९५
२७-४३०
२७-७८७
२७-१८४४
२७-१४२९
२७-१८६४
२७-१६१३
२७-१६१०
२४-९८
२४- १०७०
२१-६४सू० २१-८८सू० २१- ४७० इमीसे गं० णेरतिया० कहिं गच्छति ? २१-५०सू० २१-९२सू०
२७-१८९८
33
39
33
इत्थी णं भंते ! ०अंतरं० इमाओ अट्ट सुयाओ
इमाणं भंते! रयण० किं सासया
२१-७९सू०
इमा णं भंते! रयण० कतिविधा
२१-७०सू० इमा णं भंते! रयणप्पभा० केवतिय बाहल्लेणं० २१-६९सू० इमी० रयण० नेरया २१-८४सू० इसीसे गं० णरगा किंमया २१-८६० इमीसे गं० णेरइयाणं० किं संघयणी ?
इमां णं भंते! रयण० किंसंठिता !
२१-७५सू० इमाणं भंते! रयण० दोच्चं पुढवि०
२१-८१ सू०
इमीसे गं० णेरतियाणं केरिसया पोग्गला
इमीले णं णेरतियाणं केवतिय कालं ठिती इमीले गं० तीसाए नरया०
99
२१-८९ सू०
२१-९१सू०
२१- ९४सू० नेरइया कतो० २१-८९सू०
ये० | २३ चं० २४
जं० २५
नि० २६ प्रकी०२७
॥९॥

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 182