Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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औ०१९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२
नि० २६ प्रकी २७
इमीसे रतिया केरिसय २१-९०सू० | इय अवि मोहपउत्ता २७-१३१३ | इंगालए वियालए २१-९३सू० , बालपंडियं होइ
२७-७३ | इंदग्गी धूमकेतू २१-९६सू० ,, सव्वकालतित्ता
१९-२७ ।
| इंद मुद्धाभिसित्ते य २४-२० भंते ! रयण० असी २१-७४सू०
२२-१७७ , रयण उवरि०२१-८०सू०
२७-१२२७ | इंदघिलयाहिं तिलयरयणंकिए २७-९३२ , केव० २१-७१सू० |, सिद्धाणं सोक्खं
इंदिअविसयपसत्ता २७-४१६ , घणोदधि०
२२-१७५ | इंदियउवचयणिवत्तणा २२-२०७ २१-७७सू० इलादेवी सुरादेवी
२५-७४ | इंदियसुहसाउलओ २७-१४०१ " , णरका० इसिवालियस्स भई २७-१२३३
२७-२२६ २१-८३सू० | इह इत्तो चउरंगे
२७-१८०५ " , नरका केमहा० इह खलु जिण मयं जिणाणुमयं २१-१सू० ईसाणकप्पवइणो
२७-१०९८ २१-८५सू० । इहभविअमन्नभविअं
२७-५० | ईसाविसायमयकोह २७-२८४५ ,, , रयण खरकंडे २१-७३सू० | इहलोह० अवायं सेइ २७-१५९१ | ईसीपभाराए सीआए २७-१२०७ , रयण पु०अचरम०२२-२५६सू० , आयासं
२७-१४३५ उअरमलसोहणट्ठा
२७-३१५ , , सव्वजीवा २१-७८सू० | , परलोए
२७-१५७६ | उक्किन्नंतरफलिहा
२७-९६२ इमे णामा अणुगंतब्वा २१-१६७सू०
२७-१५८९ | उक्कोसकालट्ठितियं णं० २२-२९९सू० इमो खलु जीवो २७-२सू० | इंगालए विआलए
२५-१२८ । उक्कोसचरित्तोऽविय २७-१३८७
॥१०॥

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