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वह नारियल कुण्ड, तथा एक विशाल शिला ठोकने पर पांच करोड़ साधूओं की सिद्ध स्थली होने के कारण जैन आवाज करने के कारण बजनी शिला के नाम से जानी संस्कृति का यह प्राचीन केन्द ऐतिहासिक दष्टि से जाती हैं। नीचे के मन्दिरों में भट्टारक हरेन्द्रभूषण जी महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी अत्याधिक का मन्दिर प्राचीन भी काफी है।
महत्वपूर्ण सिद्ध क्षेत्र (तीर्थ) माना जाता है। विगत कुछ समय पूर्व बने बाहुबली स्वामी का सिहोनियामन्दिर, मानसाम्भ तथा कुछ अन्य मन्दिर भी भव्य हैं। मुरैना जिले में स्थित सिंहोनिया नामक नगरी इस तीर्थ कर चन्द्रप्रभू के समवशरण की विश्राम स्थली तथा क्षेत्र की प्राचीनतम ऐतिहासिक नगरियों में प्रमुख है।
चैत्रनाथ की प्रतिमाएं सिंहोनिया (जिला मुरैना) (श्री हरिहर निवास जी द्विवेदी के सौजन्य से)
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