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जी. आर. जैन
एम. एस-सी. । भौतिकशास्त्री, जैन विज्ञान के अधिकारिक विद्वान, प्रखर चिन्तक, प्रतिष्ठित लेखक एवं समाजसेवी । जन्म -2 दिसम्बर 1902, श्रीनगर (गढ़वाल), उ. प्र. । डा. मेघनाथ शाह, एफ. आर. एस. और डा. नीला रत्नधर जैसे प्रखर वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षा। व्याख्याता-भौतिकशास्त्र (1926-28), मेरठ कालेज, मेरठ। विक्टोरिया कालेज, तथा माधव इन्जीनियरिंग कालेज, ग्वालियर में भौतिकशास्त्र विभाग के अध्यक्ष तथा प्राध्यापक रहे। जैन धर्म-दर्शन पर विशद अध्ययन । बाल्यावस्था से जैन जीवन-दर्शन में दीक्षित । सातवीं कक्षा में पांच सौ रुपये मासिक से अधिक ग्रहण करने का परिग्रह परिमाण व्रत लिया तथा उसका जीवन पर्यन्त पालन किया। पांच सौ रूपये से अधिक प्राप्त समस्त आय जीवनभर दान को । पूर्व अध्यक्ष, जैन एसोशियसन, वीर शिक्षा समिति, ग्वालियर । कर्तव्यप्रधान जीवन के दृढ़ संकल्पी । विज्ञान और दर्शनशास्त्र पर लगभग बारह पुस्तके प्रकाशित । महत्वपूर्ण प्रकाशन-कास्मोलाजी (ओल्ड एण्ड न्यु), प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी। सम्पर्क-विजय भवन ? 23/5 थापरनगर, मेरठ ।।
चन्दनमल वैद प्रसिद्ध लोकनेता एवं समाजसेवी। स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया । अनेकों समाजसेवी संस्थाओं तथा कांग्रेस संगटन में विभिन्न पदों पर रहे। राजस्थान शासन में विभिन्न विभागों का कुशलतापूर्वक दायित्व निर्वहन । मंत्री--- वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन बिभाग | ओजस्वी वक्ता तथा प्रभावशाली लेखक । सम्पर्क-वित्त मंत्री, राजस्थान शासन, जयपुर ।
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