Book Title: Tirthankar Mahavira Smruti Granth
Author(s): Ravindra Malav
Publisher: Jivaji Vishwavidyalaya Gwalior

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Page 445
________________ प्रतिवेदन जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित “महावीर स्मृति ग्रंथ" में महावीर निर्वाण वर्ष में ग्वालियर में हए कार्यों का उल्लेख सामयिक, सराहनीय एवं अभिनन्दनीय है। इस वर्ष में सम्पन्न कार्यों एवं कार्यक्रमों में अनेकों महानुभावों का उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त हुआ है। ग्वालियर में इस कार्य में समाजसेवा में अत्याधिक तत्पर श्री मिश्रीलाल जी पाटनी ने दिनांक 1-2-70 से कार्तिक वदी 30 सं. 2053 तक समिति के मंत्री रहकर सभी कार्यों में तन मन धन से पूर्ण सहयोग प्रदान किया। समिति के अध्यक्ष श्री वृधमल गंगवाल तथा कार्याध्यक्ष श्री मानिकचन्द्र जी गंगवाल रहे। समिति ने ग्वालियर संभाग के अनेक जिला एवं तहसीलों में भ्रमण कर 235 समितियां तथा कार्यसम्पादन में सहयोगार्थ उपसमितियां गठित की जिनमें 1200 के लगभग महानुभावों ने संलग्नता से तन मन धन से कार्य सम्पादन किया। ग्वालियर संभागीय समिति की अनुशंसा पर केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष श्री साहू शान्तीप्रसाद जैन द्वारा ग्वालियर के कर्मठ कार्यकर्ताओं को स्वर्ण पदक व मानपत्र द्वारा सम्मानित किया गया। इस महान अवसर पर लश्कर नगर में एक करोड़ रुपये के लगभग व्यय से अनेक धार्मिक कार्य हुए, ग्वालियर संभाग के अनेक नगरों में जैन समाज की ओर से जनता के लाभार्थ जैन औषधालय, वाचनालय, जैन धर्मशालाएं,प्याऊ, वालक्रीड़ालय, प्रसूतिगृह, पुष्पवाटिकाएं, महावीर कीर्ति स्तम्भ, नवीन जैन मंदिर निर्माण व प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार हआ। सुगनचन्द्र पाटनी माधवगंज की ओर से लश्कर में शिवणकला शिक्षालय भी प्रारम्भ किया। अनेक स्थानों पर नैतिक शिक्षालय, महाविद्यालय व छात्रावास स्थापित हए । जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में वनी अर्द्ध शासकीय समिति ने महावीर भवन हेतु भूमिप्राप्ति में सहयोग किया । महोत्सवों में शासन, जिलाध्यक्ष श्री आर. के. गुप्ता, निगम आयुक्ता अधिकारियों के सहयोग, जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा व्याख्यानमाला के आयोजन, व स्मृतिग्रन्थ के प्रकाशन में उपकूलपति श्री गोविन्द नारायण टण्डन व संयोजक श्री रवीन्द्र मालव के सहयोग हेतु समाज उनका आभारी है। दिगम्बर जैन निर्ग्रन्थ मुनियों व संत चन्दन मुनिजी ने निरन्तर उपदेश व आशीर्वाद दिये व श्री सरदार सिंह चोरडिया ने तन मन धन से सहयोग देकर अत्याधिक परिश्रम के साथ प्रत्येक कार्य में सहयोग प्रदान किया। म. प्र. के भ्रमण हेतु आए धर्मचक्र में भी ग्वालियर सम्भाग से ढाई लाख रुपयों का प्रशंसनीय सहयोग दिया गया। केन्द्रीय कार्यालय को भी काफी धनराशि सहयोगार्थ भिजवाई। मिश्रीलाल पाटनी का कार्य-सहयोग प्रशंसनीय रहा। Maww.jainelibrary.org

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