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हरिहर निवास द्विवेदी
प्रसिद्ध इतिहासकार, विधि विशेषज्ञ, साहित्यकार, पत्रकार । अभिभाषक - उच्चतम न्यायालय । इतिहास, पुरातत्व, हिन्दी साहित्य तथा विधि सम्बन्धी विषयों पर सौ अधिक शोध ग्रन्थ, मौलिक ग्रन्थ तथा टीकाएँ प्रकाशित । सैकड़ों शोधपत्र प्रकाशित । प्रसिद्ध पुस्तकें''मध्यभारत का इतिहास" (4 भाग), "दिल्ली के तोमर", "ग्वालियर के तोमर", "भारत की मूर्तिकला" "कीति स्तम्भ", "विपुरी", "तानसेन", "ग्वालियर राज्य के अभिलेख", ग्वालियर राज्य की मूर्तिकला", "मध्य देशी भाषा", एक लाख से अधिक मुद्रित पृष्ठों का हिन्दी एवं अंग्रेजी का विधि माहित्य । सम्पादन-'विक्रम स्मति ग्रन्थ", भारती (मासिक) सर्वोच्च न्यायालयीन निर्णय, मंगल प्रभात (साप्ताहिक), दैनिक नवप्रभात, जबलपुर ला जर्नल, म. प्र. राजस्व निर्णय, म. प्र. वीकली नोट्स । सम्पर्क--द्वारा ला जर्नल पब्लिकेशन्स, जयेन्द्रगज. ग्वालियर 474001
डा. हुकुमचन्द्र भारिल्ल
शास्त्री, न्यायतीर्थ साहित्य रत्न, एम. ए., पी-एच. डी.। जैन धर्मदर्शन के प्रकाण्ड विद्वान, प्रबुद्ध लेखक विचारक एवं ओजस्वी वक्ता । जन्म-बरोदास्वामी, झाँसी (उ. प्र.) आध्यात्मिक चिन्तक । तक संगत एवं अदभूत शैली के लोकप्रिय आध्यात्मिक प्रवक्ता । कुशल लेखक एवं उच्चकोटि के आध्यात्मिक निवन्धकार । अनेकों पुस्तकों के रचियता। सैकडों शोधपत्र एवम् निवन्ध प्रकाशित । अनेकों पुस्तकों का गुजराती, मराठी, व असमी में अनुवाद प्रकाशित । गत पांच वर्षो में आपके द्वारा रचित साढ़े चार लाख से भी अधिक पुस्तकें विक्रीत । पं. टोडरमल जी के साहित्य पर शोधकार्य में संलग्न । 'पं. टोडरमल व्यक्तित्व एवं कर्तत्व" नामक शोधप्रबन्ध पर इन्दौर विश्वविद्यालय से डाक्टरेट की उपाधि से विभुषित । संचालक---सम्प्रति पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट जयपूर । कूल सचिव-श्री वीतराग विज्ञान विद्यापीठ । प्रमुख पुस्तके --- पं. टोडरमलव्यक्तित्व एवं कर्तत्व', 'भगवान महावीर और उनका सर्वोदय तीर्थ". "तीर्थ कर भगवान महावीर" सम्पर्क-पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, ए 4) वापू नगर, जयपुर-4 (राजस्थान)
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