Book Title: Tirthankar Mahavira Smruti Granth
Author(s): Ravindra Malav
Publisher: Jivaji Vishwavidyalaya Gwalior

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Page 439
________________ रवीन्द्र मालव डी.एम. ई., एम. ए.(समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान). एल-एल. वी., विशारद । सशक्त लेखक एवं पत्रकार ओजस्वी वत्ता, प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता । जन्म-28 मई 1948 । किशोरावस्था से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी । अनेकों प्रतिष्ठित ममाचार-पत्रों एवं संवाद समितियों के प्रतिनिधि व सम्पादक रहे। फ्री लाँसर । पूर्व मा. व्याख्याता-समाजशास्त्र विभाग - डॉ. भगवतसहाय स्मारक महाविद्यालय, ग्वालियर एवं शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, ग्वालियर-6 । अभिभाषक ---- म. प्र. उच्च न्यायालय ग्वालियर । मदम्य महासभा, विद्या परिषद एवं मामाजिक विज्ञान संकाय (1972 से) जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर । जीवाजी विश्वविद्यालय की अनेकों समितियों के सदस्य । अनेकों स्मारिकाओं तथा जैन डाइरेक्टरी ग्वालियर, का सम्पादन । अनेकों शैक्षणिक तथा समाजसेवी संस्थाओं से सम्बद्ध । अध्यक्ष, भारती विविध कला संस्थान, उपाध्यक्ष -- फनकार (उर्दू साहित्य मंच), महामंत्री, रवीन्द्र शिक्षा समिति, सह मंत्री--वीर शिक्षा समिति एवं माधव पुस्तकालय ग्वालियर । प्रवन्ध न्याभी-श्यामलाल पाण्डवीय सूकृत सेवा न्याम, ग्वालियर । न्यामी एवं सदस्य का. का. श्री 2500 वां भगवान महावीर स्मारक न्यास, ग्वालियर । विश्व यूवक केन्द्र तथा गांधी शान्ति प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में "राष्ट्रीय युवा नीति' के निर्धारण हेतु आयोजित अ. भा. युवक मम्मेलन, दिल्ली (1977) में प्रतिनिधि । लगभग ग्यारह गोधपत्र व निवन्ध तथा डेढ़ सौ सामयिक लेख प्रकाशित । सम्पर्क-प्रेम शान्ति भवन, फालके बाजार, ग्वालियर 474,001 । आर. एन. मिश्र एम. ए., पी-एच. डी.। प्रसिद्ध इतिहासज्ञ एवं पुरातत्ववेत्ता । वनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में एम. ए. (1957)। मागर विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की (1968)। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला में डाहल और दक्षिण कोमल (म. प्र.) की मूर्तियों पर उच्च अध्ययन (मार्च 1973 से जून 1975)। 1959 से 1976 तक सागर विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन । अध्यक्ष तथा प्रवाचक,प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययन मण्डल एवं उपाचार्य एवं विभागाध्यक्ष अध्ययन शाला-प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर । प्रकाशित पुस्तकें- “भरहुत" (म. प्र. हिन्दी ग्रन्थ अकादमी), "AncientArtist and Art Activity" (भा. उ. अ. सं.--शिमला)। प्रकाश्य पुस्तकें-भारतीय मूर्तिकला (मैकमिलन, भारत), Sculptures of Dahal & South Kosal (I. I. A. S., Simla), "Yaksha Cult and Icography (Motilal Banarsidas), लगभग चालीस शोधपत्र प्रकाशित. सम्पर्क--"ममता", बलवन्तनगर, गांधी मार्ग, ग्वालियर 51 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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