Book Title: Tirthankar Mahavira Smruti Granth
Author(s): Ravindra Malav
Publisher: Jivaji Vishwavidyalaya Gwalior

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Page 440
________________ डा. लक्षमीनारायण दुवे एम. ए. (हिन्दी, इतिहास), पी-एच. डी., साहित्य रत्न । जन्म-1932 । साहित्यरत्न परीक्षा में श्रीधर स्वर्ण पदक मोहनलाल चौबे पदक द्वारा सम्मानित । अ. भा. कला-साहित्य-संस्कृति परिषद, मथुरा द्वारा 'साहित्य मार्तण्ड' की मानद उपाधि से विभूषित । सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग-सागर विश्वविद्यालय, सागर । अनेकों शोधपत्र (130), निबन्ध (1000) संग्रह एव सम्पादित पुस्तकें (27), पुस्तिकाएँ (3) व ग्रन्थ (5) प्रकाशित। निर्देशन में दो छात्र पी-एच. डी. उपाधि से विभूषित, सात छात्र पी-एच. डी. हेतु शोधकार्यरत । प्रमुख कृतियां-"नवीन तथा राष्ट्रीय काव्य" । "नवीन' विषयक शोध ग्रन्थ पर म. प्र. शासन द्वारा अ. भा. राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदत्त । सागर विश्वविद्यालय में, "प्रणामी सम्प्रदायः साहित्य तथा सिद्धान्त' विषय पर डी. लिट. हेतु पंजीकृत । सम्पर्क-स-44 गौरनगर, सागर विश्वविद्यालय, सागर 470,003 । डा. लक्षमीचन्द्र जैन ____ एम.एस-सी., डी. एच. वी., गणित के अधिकारिक विद्वान, कुशल लेखक एवं प्रखर वक्ता । जैन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स, एस्ट्रोनामी कास्मोलाजी एवं अन्य Exact Sciences में विशेषज्ञ । प्राध्यापक एव विभागाध्यक्ष-गणित विभाग, शासकीय स्नातकोतर महाविद्यालय खण्डव (म. प्र.) । एक सौ के लगभग शोधपत्र व निबन्ध प्रकाशित । सम्पर्कप्राध्यापक एव विभागाध्यक्ष, गणित विभाग, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खण्डवा (म. प्र.)। सुमति बाई शहा राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदुषी, प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं शिक्षाविद् । सम्पूर्ण जीवन जनसेवा तथा महिला शिक्षण एवं नारी जागरण को समर्पित । अध्यक्ष-श्राविका संस्थानगर (महिला विद्यापीठ), शोलापूर (महाराष्ट्र)। भारत शासन द्वारा "पद्मश्री' के अलंकरण से विभूषित । सम्पर्क-श्राविका संस्थानगर, वुधवार सोलापुर-2 (महाराष्ट्र) ४०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

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