Book Title: Sramana 1996 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 39
________________ श्रमण/जुलाई-सितम्बर/१९९६ : ३७ अनुभूति के इस विषय पर लिखा जाना अर्थहीन सा होगा। यानी मुनि के दासानुदास की पंक्ति को मेरे जैसा सामान्य गृहस्थ इस विषय में लिखने में असमर्थ है। अत: गृहस्थों के लिए सामायिक की चर्चा करना ही इस लेख में अभीष्ट है। गृहस्थों की ग्यारह प्रतिमाओं में तीसरी सामायिक प्रतिमा है : दंसूण वय सामाइय पोसृह सचित्त रायभत्ते य । बुंभारंभपरिग्गृह अणुमण उद्दिट्ट देसविरदो य ।। (चारित्रपाहुड६ - २२) इसी प्रकार दूसरी प्रतिमा व्रतप्रतिमा है। इस प्रतिमा के अन्तर्गत ५ अणुव्रत, ३ गुणव्रत एवं ४ शिक्षाव्रत, इस प्रकार १२ व्रत होते हैं। आचार्य समन्तभद्र ने सामायिक को ४ शिक्षाव्रतों में से एक शिक्षाव्रत बताया है। परम्परा यह भी है कि अव्रती श्रावकों को भी यह प्रेरणा दी जाती है कि चाहे वे व्रती श्रावकों की तरह नियमित सामायिक न करें किन्तु यथासम्भव सामायिक अवश्य करें। सामायिक की इस चर्चा का उद्देश्य यह है कि जो सामायिक करते हैं या कर रहे हैं उनको सामायिक की विशेषताएं भली-भाँति ज्ञात हो सके ताकि सामायिक में व्यतीत किए गए समय का उन्हें पूरा-पूरा लाभ मिल सके। इसके अतिरिक्त इस लेख का उद्देश्य यह भी है कि जो सामायिक नहीं कर रहे हैं वे भी पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से, अपनी क्षमता एवं परिस्थिति के अनुसार, सामायिक जैसे बहुमूल्य रत्न को अपनाकर अपना आत्मिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य सुधार सकें। सामायिक प्रक्रिया में निम्नांकित चरण होते हैं : १. प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान, आलोचना, व समता भाव २. वन्दना व स्तवन ३. कायोत्सर्ग एवं मन्त्र जाप प्रचलित सामायिक पाठ में इन सबका समावेश स्पष्ट दिखाई देता है। उक्त तीन चरणों में प्रथम दो चरण अन्तिम चरण की प्राप्ति की तैयारी हेतु हैं। तीसरा चरण यदि बीजारोपण है तो प्रथम एवं द्वितीय चरण भूमि को नर्म एवं नम बनाने हेतु हैं। सामायिक पाठ का मुख्य उद्देश्य प्रथम दो चरणों द्वारा व्यक्ति के तनाव को कम करना है। विकल्पों के जाल से बंधा व्यक्ति सीधे कायोत्सर्ग एवं जाप में प्रवेश करने में कठिनाई अनुभव करता है। समायिक पाठ की निम्नांकित पंक्तियों पर विचार करना उपयोगी होगा: जो प्रमादवशि होय विराधे जीव घनेरे । तिनको जो अपराध भयो मेरे अघ ढेरे ।। www.jainelibrary.org Jain Education International For Private & Personal Use Only

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