Book Title: Sramana 1996 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 113
________________ श्रमण/जुलाई-सितम्बर/ १९९६ : १११ प्रत्यक्ष दर्शन का लाभ नहीं मिला परन्तु उनके जीवन-चरित्र से आत्मसात् होने का अवसर मुझे मिला है। दिगम्बर जैन समाज इन्दौर के महामंत्री इंजी०जैन कैलाश वेद ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि, ऐसे महान् आचार्य संत ने नई पीढ़ी को अवगत कराना, दिगम्बर जैन संस्कृति के प्रादुर्भाव हेतु अत्यन्त आवश्यक है। उनके द्वारा प्रशस्त मार्ग का अनुसरण-अनुमोदना अतिआवश्यक है। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा जयपुर का अनुकरणीय प्रयास श्री श्वेताम्बर जैन महासभा, जयपुर ने समाज में व्याप्त आडम्बरों, कुरीतियों जैसे विवाह आदि अवसरों पर होने वाला अपव्यय को नियंत्रित करने के लिये प्रीतिभोजों में खाद्यपदार्थों की सीमा का निर्धारण, लहसुन-प्याज आदि का निषेध, सड़कों पर नाच-गानों, आतिशबाजी, फूलों की सजावट आदि पर पूर्णत: प्रतिबन्ध लगा दिया। आज जयपुर का जैन समाज इनका पूर्णतः अनुपालन कर रहा है। महासभा के अधिकारियों की भावना है कि अन्य स्थानों के लोग भी सम्पूर्ण श्वेताम्बर समाज का एक संगठन बनाकर समाज उत्थान एवं जैन एकता को परिपुष्ट करने की दृष्टि से महासभा का गठन करें। इस सन्दर्भ में महासभा हर सम्भव सहयोग देने के लिये तत्पर है। मुफ्त प्राप्त करें जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर नामक पुस्तक एक रुपये का डाक टिकट भेजकर ३० नवम्बर, ९६ तक निम्नलिखित पते से प्राप्त करें। श्री हनुमान लाल C/o स्थानकवासी जैन समाज, भारत सोसायटी Post- सुरेन्द्रनगर - ३६३००१ गुजरात। 'भारत-भाषा- भूषण पुरस्कार' कालिदास विरचित 'मेघदूतम्' के सरल एवं भावप्रवण पद्यानुवाद को अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन, भोपाल ने तेरह भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करने Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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