Book Title: Sramana 1996 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 44
________________ ४२ : भी मेडिटेशन या ध्यान की शब्दावली में कह रहे हैं। जिसका लाभ प्रयोगों द्वारा वर्तमान में देखा जा चुका है। नाम हम चाहे जो दें, मेडिटेशन कहें या भावातीत ध्यान कहें, प्रेक्षाध्यान करें या सामायिकध्यान कहें, महत्त्वपूर्ण यह है कि इसे हम जीवन में भौतिक एवं आत्मिक लाभ हेतु अपनाएँ । सन्दर्भ श्रमण/जुलाई-सितम्बर/ १९९६ १. Robert Anthony, 'The ultimate secrets of total self confidence', (Berkley Books, New York, 1984) ३. २. Deepak Chopra, 'Perfect Health', (Harmony Books, New York, 1991) ४. The American Medical Association Family Medical Guide, (Random House, New York, 1987). सामायिकच्छेदोपस्थापनापरिहारविशुद्धिसूक्ष्मसापराययथाख्यातमिति चारित्रं । आचार्य उमास्वाति, तत्त्वार्थसूत्र, सूत्र ९.१८ उत्तमसंहननस्यैकाग्रचिंतानिरोधो ध्यानमांतर्मुहूर्तात् । । ९.२७ तत्त्वार्थसूत्र ९.२७ आचार्य कुन्दकुन्द, चारित्रपाहुड - गाथा २२ बुध महाचन्द्र कृत सामायिक पाठ, 'कालं अनन्त भ्रम्यो जग में.... ६. ७. ८. आचार्य कुन्दकुन्द, समयसार, गाथा ३८३ ९. समयसार गाथा क्रं. ३८४ से ३८६ १०. आचार्य योगीन्दुदेव, योगसार, गाथा १०० ११. आचार्य कुन्दकुन्द, प्रवचनसार, गाथा १५९ १२. आचार्य कुन्दकुन्द, समयसार, गाथा २३३ १३. आचार्य अमृतचन्द्र, समयसार कलश २३ १४. Asit Chandmal, The Times of India : The Sunday Reviews (Delhi) July 30, 1985, Page 8. "Krishnamurti said, 'Be totally alert, and make no effort.." १५. आचार्य अमृचतन्द्र, समयसार कलश क्रं. ६९ की अन्तिम २ पंक्तियाँ निम्नानुसार हैं: "विकल्पजाक्तच्यतशान्तचित्तास्तएव साक्षादमृतं पिबंति " For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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