Book Title: Siddhhemchandra Shabdanushasan Laghuvrutti Vivran Part 04
Author(s): Chandraguptavijay
Publisher: Mokshaiklakshi Prakashan

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Page 11
________________ आत्मनेपद :- एकवचन अन्य पुरुष - ते मध्यम पुरुष - से उत्तम पुरुष - ए द्विवचन बहुवचन आते ___ अन्ते (तृतीय पुरुष) आथे ध्वे (द्वितीय पुरुष) वहे . महे (प्रथम पुरुष) ઉપર જણાવેલા તિવુ થી માંડીને મદે સુધીના અઢાર પ્રત્યયોને वर्तमाना संsu थाय. छ. ।।६।। सप्तमी - यात् याताम् युस; यास् यातम् यात; याम् याव याम । ईत ईयाताम् ईरन्; ईथास् ईयाथाम् ईध्वम्; ईय ईवहि ईमहि ॥ ३॥३७॥ परस्मैपद अन्य पुरुष मध्यम पुरुष उत्तम पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन यात् याताम् युस् यास् यातम् यात, . याम् याव याम . आत्मनेपद :- एकवचन द्विवचन बहुवचन अन्य पुरुष - ईत ईयाताम् ईरन् मध्यम पुरुष - ईथास ईयाथाम् ईध्वम् उत्तम पुरुष - ईय . ईवहि ईमहि 6५२ ४९udau यात् थी. ईमहि सुधाना मार प्रत्ययाने सप्तमी संश. थाय छे. ॥७॥ पञ्चमी - तु ताम् अन्तुः हि तम् त; आनि आवद् आमव् । ताम् आताम् अन्ताम; स्व आथाम् ध्वम् ऐ आवहैव् अमहैन् ॥३॥३॥८॥

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