Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 2
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
View full book text ________________
प्रभृथ-प्रमय
शब्दरत्नमहोदधिः।
१५०७
प्रभृथ त्रि. (प्र+भृ+बा. थक्) सारी रात म२४५-पोषए । प्रमथन न. (प्र+मथ्+भावे ल्युट) भय, भथी नing २न॥२.
___ -सर्वासामेव नारीणां चित्तप्रमथनो रह: महा० प्रभेद पुं. (प्रभिद्यतेऽनेन, प्र+भिद्+घञ्) ५.८२, विशेष. १।१०२।६२। वसोव, वध, नाश, संश पाउवो.
(पुं. प्र+भिद्+भावे घञ्) मेह, तशवत- स्फोटप्रभेद- | प्रमथपति, प्रमथाधिप पुं. (प्रमथस्य पतिः/प्रमथस्य
बहुल: क्षतजः प्रकाशः-सुश्रुते १०. अ० । ___अधिपः) शिव, भाव. प्रभेश्वर (पुं.) ते. नामनु मे. तीर्थ.
प्रमथा स्त्री. (प्र+मथ्+अच्+टाप्) ७२3. प्रभ्रंशथु पुं. (प्रभ्रश्यते, प्रभंश्+अथुच्) 9.5 dनो प्रमथालय पुं. (प्रमथानामालयः) ते. नामर्नु मे. न२४. નાસિકાનો રોગ.
प्रमथित त्रि. (प्र+मथ्+कर्मणि क्त) भथेस, मथी नणे, प्रभ्रष्ट त्रि. (प्र+भ्रश्+क्त) प्रष्ट, अंशवाणु, नये. 450. दावेद, दुप. हाल, १५. २९. (न. प्रकर्षण गयेस.
मथितम्) upl. नलिनideी छास-सानु alag. प्रभ्रष्टक न. (प्रभ्रष्ट+संज्ञायां कन) शिपामाथी. 425ती | प्रमद पुं. (प्र+मद्+अप) - तच्छत्वा मम राज्ञश्च ५पनी भाग योसामा चासो25तो सनी विषादप्रमदो द्वयोः- कथासरित०६१६२। तनामनो डा२.
म. हैत्य, त्री, मन्वन्तरनी. मे. सप्तर्षि. (न.) प्रमगन्द पुं. (द्वैगुण्यादिलक्षणवृद्धियुतोऽर्थो मामेव गमिष्यति धंतूशन ३१. (त्रि. प्र+मद्+अच्) प्रमत्त त्रि. श६
इति बुद्धया परेषां अर्थं ददाति इति मगन्दः, प्रगतो मी- प्रावृषि प्रमदबहिणेष्वभूत् कृत्रिमाद्रिषु मगन्दं कारणतया) व्या४ावनी धंधा ४२नारनो विहारविभ्रमः-रघु० ११३७।। पुत्र.
प्रमदक पुं. (प्रमद+संज्ञायां कन्) ५२८ने नलि माननारी प्रमगन्न न. (प्र+मगि+ल्युट) मन ४२, ४j.
5 तन नास्ति.5, 42, मु. प्रमङ्गित त्रि. (प्र+मगि+क्त) गये.j, गमन. ४२. प्रमदकानन, प्रमदवन, प्रमदाकानन, प्रमदावन न. प्रमणस् त्रि. (प्रकृष्टं मनोऽस्य, संज्ञात्वे णत्वम्) 6.८२. (प्रमद्यतेऽनेन, प्र+मद्+घञ्, प्रमदानां काननं वनं મનવાળું, શ્રેષ્ઠ મનવાળું, હર્ષવાળું.
हूस्वो वा/प्रमदोचितं काननम्, प्रमदानां वनम्) २२% प्रमति त्रि. पुं. (प्रकृष्टा मतिर्यस्य) सारी बुद्धिवाणु, સ્ત્રી-વર્ગને રમવાનો કે ક્રીડા કરવાનો બગીચો.
ઉત્તમ બુદ્ધિવાળું. () પશ્ચિમ દિશાના રાજા સુનયનો प्रमदा स्त्री. (प्रमाद्यत्यनया, प्र+मद्-करणे+अप्+टाप्) પુરોહિત કશ્યપશનો એક ઋષિ, ચ્યવન ઋષિનો श्रे. स्त्री-असति त्वयि वारुणीमदः प्रमदानामधुना પુત્ર, ગૃમદ્દઋષિના વંશમાં પેદા થયેલા વાગિન્દ્ર विडम्बना -कुमा० ४।१२। महमाती स्त्री, यौह ઋષિનો તે નામનો પુત્ર, નૃગરાજાનો તે નામનો એક सक्षरना २.२५ वाणी मे. ७-६- नजभजला गुरुश्च પુત્ર, વત્સપ્રીતિનો તે નામનો એક પુત્ર.
भवति प्रमदा-वृत्त- रत्नाकर-टीका । उन्याशि.. प्रमत्त त्रि. (प्रमाद्यति स्म, प्र+मद्+क्त) प्रमाही- मत्तं प्रमदिनी स्त्री. (प्र+मद्+णिनि+ङीप्) . तनी
प्रमत्तमुन्मत्तं सुप्तं बालं स्त्रियं जडम्-भाग० १७। | औषधि. કર્તવ્યમાં અકર્તવ્યની બુદ્ધિથી તથા અકર્તવ્યમાં प्रमद्वरा (स्त्री.) शुन: पिनी माता-२२नी. माया. કર્તવ્યની બુદ્ધિથી કર્મમાં સાવધ નહિ તે, કાળજી प्रमनस् त्रि. (प्रकृष्टं मनोऽस्य) 6.२ मनवाणु, श्रेष्ठ विनानु, यूना२, २॥३- स्वाधिकारात् प्रमत्तः- भनवाणु, पाणु- इति बहुपुरुषं प्रभाषति प्रमनसि मेघ० १। पाna, list, पोताना नित्य भने न. | मद्रपतौ रिपुस्तवम्-महा० ८।३७।४१ । २ यित्तवाj, २नार, स्वछायारी, सं42.
माहित. प्रमत्तगीत न. (प्रमत्तेन गीतम्) उन्मत्ते. २॥येj, २॥यन. प्रमन्यु (पुं.) प्रियव्रतवंशन वीजतनी पुत्र में A%, બેપરવાહીથી ગાયેલું.
tuविष्ट, शन्वित, ४ष्टस्त, शो.संतप्त. प्रमथ पुं. (प्रमथ्नाति, प्र+मथ्+अच्) धृतराष्ट्रनो त । प्रमय पुं. (प्र+मी-वधे+भावे अच्) वध, भार, भारी
नामनो पुत्र- प्रमथश्च प्रमाथी च दीर्घरोमश्च वीर्यवान्- Hijd, हत्या- दृष्टं नृपोदन्तं बद्ध्वा प्रमयमीयुषाम्महा० १११७।१२। घोडी, शिवनो में पार्षह. राजत० १।९।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838