Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 2
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

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Page 782
________________ बृहच्चित्र-बृहत्सेन] शब्दरत्नमहोदधिः। १५८९ बृहच्चित्र पुं. (बृहत् चित्रं यस्मिन्) सर्नु आ3. | बृहत्कुक्षि त्रि. (बृहती कुक्षिर्यस्य) भी20 पेटवाणु.. बृहच्छल्क पुं. (बृहन्तः छल्काः यस्य) मे तनुं | बृहत्केतु त्रि. (बृहन् केतुर्यस्य) भो.2.4%, मग्न. भा७j. (पुं. बृहन् केतुरस्य) ते नामे 5 २८%. बृहच्छ्रवस् त्रि. (बृहत् श्रवो यस्य) भोट मा३वाणु, बृहत्क्षत्र (पुं.) ते. नामनो मे २0%l.. ___ महान यशस्वी.. बृहत्ताल पुं. (बृहन् ताल:) हिंद वृक्ष. बृहज्जन पुं. (बृहच्चासौ जनश्च) महा४, भोटो. मा५स.. बृहत्तिक्ता स्त्री. (बृहन् तिक्तो रसोऽस्याः) 48. नामनी बृहज्जातक न. (बृहच्च तत् जातकं च) राजमारत વનસ્પતિ. એક જાતકગ્રન્થ. बृहत्तृण पुं. (बृहत् तृणाकाराणि पत्राणि यस्य) iस, बृहज्जाबाल पुं. (बृहच्चासौ जाबालश्च) ते नामे में। वांस.. 6पनिषद. बृहज्जीवन्ती स्त्री. (बृहती चासौ जीवन्ती च) महावन्ती. बृहत्त्वच त्रि. (बृहती त्वग् यस्य) मे. तनु, वृक्ष.. बृहत्पत्र, बृहत्पर्ण पुं. (बृहन्ति पत्राणि अस्य/बृहन्ति વનસ્પતિ. बृहड्ढक्का स्त्री. (बृहती ढक्का) भोटु न , मेरी वाहिन.. ___ पर्णानि यस्य) धो दोधरनु 3, स्तिन्६ वृक्ष. बृहत् त्रि. (बृह+अति शतृवत् कार्यम्) मोटु, मडान्, बृहत्पर्ण त्रि. (बृहन्ति पर्णानि यस्य) भोzi uiesiauj. पुष्ट, धारे, पु४०, विस्तृत- दिलीपसूनोः स (न. बृहत् पर्णम्) भोटु पांडं. बृहद्भुजान्तरम्-रघु० ३।५४ । भ४सूत, eij, यु- बृहत्पाटलि (पु.) धंतूशन 3. देवदारुबृहद्भुजः-कुमा० ६५१। (पुं.) निव, विष्ण. बृहत्पाद त्रि. (बृहन्तः पादाः यस्य) भोट८ ५गवाणु, बृहतिका स्त्री. (बृहत्-आच्छादने+क्वन्+टाप् अत इत्वम्) भो भूणियiauj. (पुं. बृहन्तः पादाः अस्य) 4उनु उत्तरीय वस्त्र (स्त्री. बृहती+स्वार्थे क+टाप् हस्वः) 3. नायनो बृहती श६ मी. बृहत्पारेवत पुं. (बृहन् पारेवतः) भोटु पारे-उतर. बृहती स्त्री. (बृह+अति+स्त्रियां ङीष्) उत्तरीय वस्त्र, बृहत्पालिन् पुं. (बृहन्तं पालयति, पालि+णिनि) 0l. નવ અક્ષરના ચરણવાળો એક છન્દ, વાણી, નાની ७, 53j ७. વંતાકડી-રીંગણી, જલાશય, ભોંયરીંગણી એક શાક. बृहत्पीलु पुं. (बृहन् पीलुः) भोटा पाखुन झाड. बृहतीपति पुं. (बृहत्याः वाचः पतिः) गृहस्पति-पुर. बृहत्पुष्प त्रि. (बृहन्ति पुष्पाणि यस्य) भो। दूसauj. बृहत्क त्रि. (बृहत्+प्रकारे कन्) भोट २ . बृहत्पुष्पा स्त्री. (बृहन्ति पुष्पाणि अस्याः टाप्) 30. बृहत्कथा स्त्री. (बृहती चासौ कथा च) पिय. urlwi. बृहत्पुष्पी स्त्री. (बृहन्ति पुष्पाणि यस्य, ङीष्) ते. ना. વરચિએ રચેલી એક કથા. मे वृक्ष- घण्टारव वृक्ष ।। बृहत्कन्द पुं. (बृहत् कन्दो यस्य) ॥४२, उंगी , बृहत्फल त्रि. (बृहन्ति फलानि यस्य) भोzi. mauj. सस. __ (पुं. बृहन्ति फलानि अस्य) ३५सर्नु काउ. बृहत्कर्मन् न. (बृहच्च तत् कर्म च) भौटुं म. (त्रि. बृहत्फला स्त्री. (बृहत्फल+स्त्रियां टाप्) 53वी. तुंबन.. बृहत् कर्म यस्य) भोटा भ.वा. बृहत्काय त्रि. (बृहन् कायो यस्य) मो. शरीरवाणु. વેલો, ઇન્દરવરણાંની વેલ, કોળાંનો વેલો, મહાજબૂ (!) અજમીઢ વંશમાં પેદા થયેલો તે નામનો એક વૃક્ષ, મહાબલા વનસ્પતિ, મોટી ટેટીનો વેલો. बृहत्संहिता (स्री.) वराडमिडि२ प्रीत. मे. २०%. बृहत्कालशाक पुं. (बृहन् काल: शाकः) . तर्नु योतिषान्थ. ___L5-50सन्द्रीन us. बृहत्सामन् न. (बृहच्च तत् साम च) ते. नमानी बृहत्कास पुं. (बृहच्चासौ कासश्च) मे. तनु घास.. સામવેદનો વિભાગ, बृहत्कीर्ति त्रि. (बृहती कीर्तिर्यस्य) भो2ी. मा३auj, बृहत्सेन त्रि. (बृहती सेना यस्य) भो.टी. सेनावाj.. भो॥ यशवाणु. (पुं. बृहती कीर्तिरस्य) Hil२२. (૬) મગધદેશનો એક રાજા, બૃહદ્રથના વંશનો એક અગ્નિનો પુત્ર, તે નામે એક અસુર. ભાવી રાજા. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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