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"यह अदभुत घटनायें जो ऐमे शन्दोमें वर्णन की गई है जिनको पढ़ कर हर मनुष्य जो हम लोगोंकी विलक्षण मानसिक अवस्थाघोंसे जानकारी रखता है, तुरन्त उनको सत्य मान लेगा. रनडोरकी भविष्यवक्ता स्त्री की कथा पर बहुत बड़ी रोशनी डालती है। जैसा कि इस स्त्रीको कथामें पाया है वैसे यहां भी भूत या देवका श्राना ...... .. वाणीका बदल जाना व उत्तम पुरुष सर्वनाममें बोलना पाया जाता है। अभाग्यवश (नोरकी चिल्लीके अतिरिक्त ) पनडोरकी उस पैगम्बरिया ( भविष्यद्वका स्त्री) के दशाका कुछ वर्णन नहीं है । परन्तु जो कुछ हमको दूसरे जरायोसे ( उदाहरण के तौर पर १--समवेल अध्याय १०-प्रायन २० ता २४ ) इसराइलों में ईश्वरी प्रवेशकी सहचर शारीरिक अवस्याओस हाल मालम होता है उसकी ठीक समानता पालीनेशियाके भविष्यदवक्ताओंकी इस कथा और दूसरी कथाओमें पाई जाता है।"
प्रकारके दृश्य मीरासाहब के मक्वर पर हिन्दुस्तान मे अमरोहाके स्थान पर देखे जासक्ते हैं और माधारण स्थाने भी इस प्रकारके कुछ न कुछ कृत्य विना विशेष परि श्रमके दिखा सक्त हैं। जैसा कि हमने ऊपर कहा है यह ईश्वरीय प्रवेश नहीं है परन्तु मन पर विचारके विशेष प्रभाव का परिणाम है। श्रुतिके सच्चे लक्षण रत्नकरण्डश्रावकाचार में वर्णन किये गये हैं और संक्षेपसे इस प्रकार है