Book Title: Samboha Panchasiya
Author(s): Gautam Kavi
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 19
________________ ] संसार के दुःख बुढापे का दुःख पाप का फल प्रमादी की निन्दा परतीर को प्राप्त करने का उपाय जैनधर्म की आवश्यकता धर्म को धारण करने की प्रेरणा आरंभ का त्याग करो कर्मों का फल धर्म का फल अज्ञानी को सम्बोधन धर्माधर्म का फल धर्म से लौकिक सुख पनः धर्म का लौकिक फल धर्म का स्वरूप धर्म, गुरु और देव का लक्षण संसार में व्यर्थ क्या है ? द्रव्य का लाभ क्यों नहीं होता ? शुभाशुभ फल कृतकर्म का फल अवश्य मिलता है जैसी करनी वैसी भरनी इच्छित फलप्राप्ति का उपाय मेरी भावना जिनेन्द्रप्रार्थना धन्य कौन ? ग्रन्थपठन का फल ग्रन्थ का उपसंहार हिन्दो पद्यानुवाद श्लोकानुक्रमणिका | हमारे उपलब्ध प्रकाशन

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