Book Title: Revati Dan Samalochna
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Shwetambar Sthanakwasi Jain Vir Mandal

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Page 20
________________ रेवती - दान - समालोचना रेवती, मेंढक ग्राम में रहने वाली एक गृहिणी (गृहस्थ स्त्री) थी जिसने महावीर स्वामी के लिए, सिंह अनगार को औषध दान दिया था । रेवती द्वारा दिये हुए दान के विषय में किन्हों- किन्हीं को आशंका है। किसी का कहना है कि उसने 'मांस' दिया था और कोई-कोई कहते हैं कि मांस नहीं बल्कि बनस्पति के फल वगैरह से बनी हुई दवा दी थी। इन दोनों पक्षों में से कौन सा पक्ष सत्य और कौन सा असत्य है ? इसका विशेष रूप से आलोचन और प्रमाण पूर्वक विचार किया जाता है ॥ १ ॥ वीर को रोगोत्पत्ति • ५ महावीर स्वामी के शरीर में रोग की उत्पत्ति होना रेवती के दान का निमित्त था और रोग का कारण था - गोशालक के द्वारा महावीर स्वामी . 'पर फेंकी हुई तेजोलेश्या । इसी बात को बतलाते हैं गोशालक के द्वारा भगवान् की ओर फेंकी हुई तेजोलेश्या ने यद्यपि वीर भगवान् को स्पर्श नहीं किया, तो भी उससे उन्हें व्यथा ( रोग जन्य पीड़ा ) हो गई || २ || इसका विस्तृत विवरण भगवती सूत्र के पन्द्रहवें शतक में है । यहाँ सिर्फ प्रकरण बताने के लिए संक्षेप में कह दिया है । गोशालक के द्वारा फ्रैंकी हुई तेजोलेश्या का महावीर स्वामी के शरीर के साथ स्पर्श नहीं हुआ था - शरीर के पास से ही वह लौट गई थी। आने के कारण उसने आघात उत्पन्न कर दिया योग की उत्पत्ति का कारण कहा गया है ॥ २ ॥ फिर भी समीप तक और इसी कारण उसे रोग का स्वरूप महावीर स्वामी को कैसा रोग हुआ था, यह बताते हैं तेजोलेश्या समीप आने से भगवान् वीर के शरीर में पिच www.umaragyanbhandar.com Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat

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