Book Title: Revati Dan Samalochna
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Shwetambar Sthanakwasi Jain Vir Mandal

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Page 80
________________ रेवती-दान-समालोचना wwwwwwwwwwwwwimmmmmmmmmmmmmm. वही इस प्रसंग में उपयोगी है। शब्दार्थचिन्तामणि, चतुर्थ भाग, पृष्ठ २३२ में कहा है-"विडाली (स्त्री)-भूमिकूष्माण्डे ।" वैद्यक शब्द सिन्धु पृष्ट ८८९ में लिखा है-"विडालिका-(स्त्रीलिंग) भूमिकूष्माण्डे ।" कैयदेव निघण्टु पृष्ट ३९७ में लिखा है ४६७ विदारी द्वयम् ( विदारी, क्षीरविदारी च ) Ibomea digitata (हिन्दी) बिदारीकन्द, बिलाईकन्द A large perennial creeper ___(बंगला) भुईकूमडा Tuberous root demul cent (मराठी) भूई कोहला Nutritive, aphoodisiac & (गुजराती) भोकोलु lactagogue विदारी, इक्षुविदारी, स्वादुकन्दा, विदारिका, कष्मांडकी, कन्दवल्ली, बृक्षकन्दा, पलाशक, गजवाजिप्रिया, वृष्या, वृक्षवल्ली, विडालिका, इत्यादि विदारी के नाम हैं। १३६७। विदारी, वृंहिणी, पौष्टिक, स्निग्ध, शीतल, गुरु, मधुर मूत्र पैदा करने वाली, स्वर को सुन्दर करने वाली, दूध, रूप, और बल को बढ़ाने वाली है। पित्त, वायु तथा दाह नाशक और जीवनी रसायन है। इत्यादि ४१-४२ रक चित्रक नामक छोटे पेड़ को मज्जार शब्द का वाच्य मानना प्रकरण में अनुपयोगी है वैद्यक शब्द सिन्धु नामक कोष में प्राकृत भाषा के मजार शब्द की संस्कृत छाया रूप मार्जार शब्द, रक्तचित्रक नामक छोटे वस के अर्थ में कहा गया है । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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