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पन्नालाल दिगम्बर जैन सरस्वती भवन, बम्बई, की सन् १९२३ से १६३२ तक प्रकाशित ६ वार्षिक रिपोर्टो मे उक्त भडार मे सगृहीत हस्तलिखित ग्रथो की परिचयात्मक सूचिये प्रकाशित हुई । इमी भवन की झालरापाटन स्थित शाखा की ग्रथ सूची भी 'ग्रथ नामावली' के नाम से प्रकाशित हो चुकी है। वीर सेवा मन्दिर, सरसावा से प्रकाशित मासिक अनेकान्त की विभिन्न किरणो मे दिल्ली के कई बडे बडे अथ भडारो की सूचिये तथा सोनीपत, इन्दौर, नागौर
आदि के भी कुछ भ डारो की सूचिये मे प्रकाशित हो चुकी है। उपरोक्त वीर सेवा मन्दिर मे कर्ट एक दिगम्बर ग्रथ भडारो के लगभग ६००० अप्रकाशित तथा अन्य सूचीयो मे न दिये हुए हस्तलिखित ग्रयो की प्रमाणिक परिचयात्मक सूची के प्रकाशन की योजना चल रही है। अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी तीर्थक्षेत्र कमेटो, जयपुर ने आमेर (जयपूर) के प्रसिद्ध प्राचीन भडार की तथा स्वय महावीर जी क्षेत्र (चाँदन गॉव, जयपुर) के भडार की सयुक्त ग्रथ सूची पुस्तकाकार प्रकाशित की है। इतना ही नहीं किन्तु महावीर जी तीर्थ क्षेत्र कमेटी की ओर से श्री प० कस्तूर चद काशलीवाल एम० ए० ने जयपुर के शास्त्रभडारो से दो ग्रन्थ सूचिये तैयार की और एक जैन . ग्रन्थ प्रशास्ति मग्रह तैयार किया जो उम क्षेत्र कमेटी के द्वारा प्रकाशित हो चुके है। आगे और भी ग्रथ भडारो की सूचियो के निर्माण का कार्य चालू हो रहा है। इसके सिवा धर्मपुरा, दिल्ली, नये मन्दिर के सचालको की ओर से प परमानन्द शास्त्री उक्त मन्दिर के शास्त्र भ डार की सूची बना रहे है जो प्राय तप्यारी के लगभग है, उसका प्रकाशन भी जल्दी ही होगा । दक्षिण कर्णाटकस्थ मूडबद्री आदि के वृहत् जैन मडारो मे सग्रहीत कन्नडी ग्रथो की श्री प० के० भुजबलि शास्त्री द्वारा सुसम्पादित एक वृहत्सूची भारतीय ज्ञान पीठ, काशी से प्रकाशित हुई है। यत्र तत्र अन्य भडारो की सूचिये प्रकाशित करने की ओर भी लोगो का ध्यान आकर्षित हो रहा है। किन्तु इस दिशा में अब तक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण एव प्रमाणीक प्रयत्न विल्सन कालिज, बम्बई के विद्वान प्रोफेसर डा० हरि दामोदर वेलकर द्वारा सम्पादित “जिनरत्न कोष" है। इस ग्रथ का प्रका