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हिन्दी विभाग
हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत तथा अपभ्रंश की पुस्तकें
अकबर और जैन धर्म – ३० रामास्वामी प्रायंगर, अनु० कृष्णलाल वर्मा, प्र० श्रात्मानन्द जैन ट्रैक्ट सोसाइटी अम्बाला, भा० हि०, पृ० १४, व० १६८८ ।
अकल सीखने की पुस्तक ले० श्रावक दुलीचन्द, प्र० लेखक स्वयं जयपुर, पृ० ३१, भा० हि० ना० प्रथम |
अकलंक ग्रंथ त्रयम् - ० श्रीमद्भहाकलकदेव' सपा० प० महेन्द्रकुमार न्या० प्रा० प्र० सिंधी जैन ग्रंथ माला अहमदाबाद - कलकत्ता, भा० स०, पृ० ३६४, व० १९३६ ई० प्रा० प्रथम, ( लघीस्त्रयम्, न्याय विनिश्चय, प्रमाण संग्रह ) ।
कलंक चरित्र और अकलंक स्तोत्र- - सपा० प० पन्नालाल बाकलीवाल, प्र० जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय बम्बई, भा० स० हि०, पृ० १८ । कलंक देव की कथा -- ले० बख्तावर रतनलाल, भा० हि०, पृ० १६, व० १९१२ ई०, प्र० जैन ग्रथ प्रचारक कार्यालय देवबद, श्रा० प्रथम |
अकलक नाटक - ले० सिद्धसेन जैन गोयलीय, प्र० जैन पाठशाला रिवाड़ी, भा० हि०, पृ० १०३, ० १६२८ ई० प्रा० प्रथम ।
अग्रवाल इतिहास - ले० प्रज्ञात, अनु० बी० एल जन, प्र० लेखक स्वय बाराबकी, भा० हि०, पृ० २४ |
'गपत्ति-ले० शुभचन्द्र, भा० प्रा० सं०, ( सिद्धान्त सारादि संग्रह में प्रकाशित ) 1
अच्छी आदतें डालने की शिक्षा-ले० दयाचंद्र जैन; भा० हि०, पृ० ३६, व० १६१५ ।