Book Title: Prakashit Jain Sahitya
Author(s): Pannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

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Page 342
________________ (R) १५ २०१३ २०५ १८४० टोत. ए. २० २ ४६२ ।। अन्तिम रत्म कवि २१२६ १८१६ १९४३ १९४० टी.ए. intent ४३२ रन्न कवि १९१६ ८० २५ १६६६ व०११० ११० सिद्धान्त सागदि भा० पृ. ३२ हि. अन्तिम १ ११ २२६ २२७ २२८ २३६ २३७ Mmm गोपाल सहाय पूज्य पादाचार्य, १६ १६१६ व० १६०११७ सिद्धान्तसारादि भा०हि०, पृ० ३२ १९१५, प्रा० तृतीय गोपालसाह पूज्यपादाचार्य, स. टी० प्रभाचन्द्र, वार्य भाषा म०हि०प्र० सम्यक् ज्ञानदीपिका साहित्य प्रसारक पृ० २१८ व०१९३६ पं० दरबारीलाल मलूना पूजन हि० टी०, संपा० व०१९४३ २३८ i on power count २३४ २३६ २४० २० भाषा स० प्र० सम्यक् दीपिका माहित्य पुस्तक पृ० २३८ व० १९३८ पं० दरबारी सनूना पूजन संपा० व०१३२६ २४१६ सूतत सूरत

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