Book Title: Prakashit Jain Sahitya
Author(s): Pannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

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Page 335
________________ शुद्धि-पत्र बिन्दु-विसर्गादि को साधारण तथा सहम-बोष-गम्य अशुद्धियों को छोडकर छापेकी शेष अशुद्धियों का शुद्धि-पत्र निम्न प्रकार है:पृष्ठ पति अशुद्ध वैशिष्टय वैशिव्य जन साहित्य जैन साहित्य समयापयुक्त समयोपयुक्त सहस्त्र सहन जैन अन्य नामावली जैन ग्रन्यावली सूचिये मे प्रकाशित सूचिये प्रकाशित किन्तु महावीर जी महावीर जी प्रशास्ति प्रशस्ति तप्यारी रचियतामों रचयितामो प्रतिलेखको प्रति लेखकों अक्षण भक्षण तत्तद सस्कृति सत्ततु सस्कृति विज्ञान विद्वान अन्तिम किन्तु स्वातन्त्रय स्वातन्त्र्य अपेक्षा-पौर अपेक्षा कती की, आवश्यता आवश्यकता तत्तद समाज तत्तद समाज ru r2.9MAAR तय्यारी जैन

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