Book Title: Prakashit Jain Sahitya
Author(s): Pannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

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Page 295
________________ केहली, पृ० ३२, २०, १५२६, मा० अब्वल । नेमनाथ जी का ब्याहला (बहर मसनवी )-लेव न राय जैनी, कैसरगज मेरठ, पृ०१६। नौर्तत यानि जैन फिलासफी-० नत्यूराम जैनी, में. मात्मानन्द जैन ट्रेक्ट सोसाइटी अम्बाला, पृ० १२, १० १९२१ । पहला महाबरत ( महिंसा )-ले० डी० सी० पोसवाल, प्र० मन्त्री श्री महावीर जैन लायब्रेरी स्यालकोट; पृ० १२, २०१९१६ फरवाद पेषगान-ले. बा. भोलानाथ दरखा बुलन्दशहरी । फरायज इन्सानी-ले० बा० शिवलाल जैनी मुख्तार, प्र०बन मित्रमग्न बेहली, पृ० १६, २० १९३०। फरायन इन्सानी या मनुष्य कर्तव्य-लेखक क०प्र० सुमेरचन्द बैंग एडवोकेट अम्बाला, पृ० १११, २०१९२५ मा० अव्वल । फैसलेजात व तवारीख मुसलिक श्री जैनादिगम्बर वा हस्तिनापुरेसं० प्र० बा० सुल्नानसिंह जैनी वकील मेरठ, पृ० १६, २०१९०६ ब्रह्मगुलाल चरित्र-देखिये राग कौतुहल नाटक । प्रवचर्य-ले. बा० रिखबदास जैनी वकील मेरठ, प्र. मित्रमंन्न देहली, पृ० १०, २० १९२४, भा० मध्वस ।। बारह मासा श्री नेमोश्वर भगवान व श्रीरामेती-प्र. श्री जन धर्म भास्कर सभा रावलपिंडी, प. २% 40 १६८८, प्रा० भन्दल। पाल बोष-ले० डी० सी० पोसवाल, प्र. मन्त्री श्री महावीर जैन मायब्रेरी स्यालकोट पृ० १२, व० १६१६ । बीर चारित्र (बत रामायन राधेश्याम)-लेक हेमराज, प्र. वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा होशियारपुरः पृ० १२५ व० १९२४, मा० अब्बल बीर नामा (मनजूम)-ले०५०प्र० बा० भोलाना मुख्तार दबिश दुसन्याहार, पृ० ५२ ० १९१२, मा. पवल। राग कौतूहत नाटक (हिस्सा व्यस)-मेला मंगतरांक मा०

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