Book Title: Prakashit Jain Sahitya
Author(s): Pannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

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Page 286
________________ ( २६४ हिंसा कुञ्ज, तोपखाना अलाहबाद, जन्म अप्रेल १९४७ ई० वा० सू० ३) 4: ज्ञान मासिक, हिंदी, मग सागर चंद जैन, प्र० मामन सिंह वंद्य प्रेमी देहली, जन्म मई १६४७ ई० वा० सू० १) । उपर्युक्त ३६ पत्रो के अतिरिक्त निम्नलिखित ४३ पत्रो के अस्तित्व का और पता चलता है, किन्तु उनके विषय मे जानकारी नही है- आत्मानद प्रकाश ओसवाल सुधारक, प्रोसवाल नवयुवक, कच्छी दशा घोसबाल प्रकाश जैन, जैन जवाहिर, जैन ज्योति, जैन ध्वज, जैन धर्म प्रकाश जैन पथप्रदर्शक, जैन प्रवचन, जैन प्रकाश, जैन बन्धु ( हिंदी और गुजराती), जैन युग, जैन विकाश, जैन शिक्षण संदेश जैन ससार (उर्दू), जैन सिद्धात, जैन हेरल्ड, जैस ाल जैन, जीवन ज्योति, जीव- सुधा, भलक, तर रवा तारणपंथ दि० खडे नवल जैन हितेच्छु, धर्मरत्न, परिवर्तन, पचय पत्रिका बुद्धिसागर, प्रभात, महाराष्ट्रीय जैन ( मराठी ), रत्नाकर, विवेकाभ्युदय वीर शासन, वीर संदेश, शांत वैभव, शाँति सिन्धु, शिक्षण पात्रा, समय धर्म, सत्य प्रकाश, न स्वदेश, स्थानकवासी जैन | सिद्ध चक्र; इन उपर्युक्त ५२ पत्र पत्रिकाओ मे स सभव है कुछ एक बन्द भी हो गये हो और कई एक ऐसे है जा इसी वर्ष चालू हुए है या होने की सूचना है । जो जैन पत्र पत्रिकाये भूतकाल मे अल्पाधिक समय तक चालू रहकर अब बंद हो चुकी है उनकी सूची निम्न प्रकार है .. ग्रहिसा (बारस), आत्मानन्द, आत्मानन्द जैन पत्रिका; आदर्श, प्रदर्श जैन, श्रादर्श जैन चरित्र, आदर्श जैन चरित माला ( अम्बाला ), आनन्द, उत्कर्ष, यसवाल, ओसवाल अभ्युत्य, कच्छी जैन मित्र, काव्याम्बुधि कुमार, खडेल वाल जैन, गोग्रास, गोला पूर्व जैन, चन्द्र प्रकाश, चन्द्र सागर, छात्र (मेरठ), जागृति, जति प्रबोधक (झाँसी), जाति प्रबोधक ( अ गरा), जिन वारणी (बगला, कलकत्ता), जिनवाणी (हि), जिन विजय (कन्नड), जीमालाल प्रकाश, जैन: जैन आदर्श, जैन सघाससार, जैन एडव कट, जैन कुमार (मेरठ), बेन जगत, चैन जागृति, जैन जीवन, तत्त्व प्रकाशक, जन तत्त्व प्रवेशक, जैन दशक, जैन दिवाकर, जैन धम प्रकाश, जैन धर्म ज्ञान दीपक; जैन धर्मोदय, जैन नम्री हित चन्नड,

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