Book Title: Patrimarg Pradipika
Author(s): Mahadev Sharma, Shreenivas Sharma
Publisher: Kshemraj Krishnadas

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Page 77
________________ (७६) पत्रीमार्गप्रदीपिका। देना । ऐसे ही योगिनी दशामें जिस दशामें अंतर्दशाचक्र बनाना हो उस दशाके वर्षको योगिनीके आठ ही दशाके वर्षके क्रमसे गुणन करना और योगिनी दशाके मानका (३६ छत्तीसका ) भाग देना । ऐसे जिस दशामें अंतर्दशा करना हो उसका जो मान हो उसीका भाग देके क्रमसे वर्ष मासादि लाना जो आवे वह अपनी अपनी दशामें अपनी अपनी अंतर्दशा जानना ॥ ४८ ॥ उदाहरण । जसे विंशोत्तरी सूर्यमहादशामें अंतर्दशाचक्र बनाना है सूर्यमहादशाके वर्षद है इस महादशाके वर्ष ६ को सूर्य दशाके वर्ष ६ से गुणन किये ३६ हुए, इनमें विंशोत्तरी दशाके मान १२० का भाग दिया लब्ध • वर्ष शेष ३६ को १२ बारागुणे किये ४३२ हुए १२० का भाग दिया लब्ध ३ मास आये शेष ७२ बचे इनको ३० तीस गुणे किये २१६० हुए, इनमें फिर १२० का भागदिया लब्ध १८ दिन आये शेष बची इसको ६० गुणा करके १२० का भाग दिया लब्ध ० १ ० घटी पल आये, एसे वर्षादिक०।३।१८।। ० सूर्य महादशामें सूर्यकी अंतर्दशा आयी। फिर सूर्य दशाके वर्ष६ को चंद्रमहादशाके वर्ष१० से गुणे किये ६० हुए इनमें १२० एकसौ बीसका भाग देके वर्षादिक कमसे लाये ० । ६ । । । ये सूर्य महादशामें चंद्रकी अंतर्दशा आयो-एवं दशाके वर्ष ६ को भौमदशाके वर्ष ७ सातसे गुणे किये० २ हुए १२० एकसौ बीसका भाग देके वर्षादिक लाये । ४।६।। • सूर्यमें भौमकी अंतदेशा आयी। ऐसे ही फिर सूर्य महादशाके वर्ष ६ को राहुदशाके वर्ष १८ अठरासे गुणन करनेसे १२८ आये इनमें दशाके मान १२० का भाग दिया लब्ध १० । २४ । । । ० । सूर्य महादशामें राहुको अंतर्दशामें आयो । इसीप्रकार दशाके वर्ष ६ को गुरुदशाके वर्ष १६ से गुणके १२०का भाग देनेसे०९।०८। ०१०। वर्षादिक सूर्यमें गुरुको वथा शनिके वर्ष १९ स दशाके वर्ष ६ को गुणन करके दशाके मान १२० का भाग देनेसे वर्षादि० । ११ । १२ । ० । ० शनिकी अंतर्दशा तथा बुधके वर्ष १७ से दशाके वर्ष ६ को गुणन करके १२० का भाग देनसे०। १०६ । । ० सूर्यमें बुधको अंतर्दशा तथा दशाके वा ६ को केतुकी दशाक वर्ष ७ से गुणके १२० का भाग देनेसे ० ।४।६।० । केतुकी ऐसे ही दशाक वर्षको शुक् महादशाके वर्ष२० से गुणन करके Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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