Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
View full book text
________________
رفة
सुन्दर सौन्दर्य है और सतीत्व का अच्छा सौरम है। ऐसी कन्वाएं जब योग्य उम्र पर योग्य पुरुषों के साथ लग्न ग्रन्थी में जोड़ायेंगी तब वे सच्ची गृहिणी बनेंगी वस्तुतः ऐसी गृहिणी ही गृह है और वह ही गृह का दीपक है ऐसी महात्मनी गृहिणी को उद्देश कर प्रखर विद्वान आचार्य श्री अमरचन्द्र सूरि कहते हैं। अलावा इसके इस कलत्र को श्री जिनसूर मुनि गृहस्थ का विश्राम धाम बताते हैं ।
ऐसी गृहणियों के गृह मंदिर कैसे पवित्र होते हैं उनका आहार-विधि, जल, पान, वस्त्र परिधान और रहने की जगह केसी स्वच्छ होती है, पति को
हादा देने में उनकी विनय भक्ति कैसी उज्जवल होती है, गृहस्थाश्रम सुख सम्पन्न बनाने में उनकी समय सूचकता और अक्लमंदी कैसी अच्छी होती है उनका आरोग्य-ज्ञान और बाल बच्चों को बड़े करने की जानकारी गृह परिवार और बाल बच्चों को लाभकारी होती है । और उनका सेवा-धर्म समाज और देश को कितना उपकारक होता है ।
गृहस्थाश्रम ऐसे सती - रत्नों से निःसन्देह खिल उठता है । समाज शास्त्र - वेता स्पेंसर कहते हैं कि विवाह का प्रदेश यह ही है कि समाज और राष्ट्र की उत्कर्षावस्था चिरकाल बनी रहे जिससे दम्पती का, भावी सन्तति का और देश का कल्याण हो । सुप्रसिद्ध विद्वान अरस्तु ( Aristotle) ने कहा है कि राष्ट्र की उन्नति या अवनति स्त्री की उन्नति या अवनति पर निर्भर हैं । युनानी लोग (Greeks) अपनी स्त्रियों को दासी के समान नहीं रखते थे परन्तु उनको राष्ट्र उन्नति में सहायक गिनते थे । उनकी शारीरिक, मानसिक और आत्मिक उन्नति के कार्यों में दत्तचित्त रहते थे । यह ही कारण था कि वे बारबेरियन जाति को अपने स्वाधीन कर सके थे । ऐतिहासिक विद्वान गिवन लिखता है - रोमन राष्ट्र अपनी स्त्रियों के साथ ग्रीक लोगों से अधिक अच्छा व्यवहार रखते थे और यह ही कारण था कि रोमन राष्ट्र ग्रीक से अधिक बलवान बन गया था और ग्रीस को उसके सन्मुख अपना मस्तक झुकाना पड़ा था ।
यह सुप्रसिद्ध बात है कि रोम ने एक छोटे शहर से उन्नति प्रारम्भ की बढ़ते २ सारी दुनिया पर अपना प्रभुत्व फैला दिया परन्तु रोम राज्य की उन्नति ज्यों विस्मयकारक है त्यों उनकी अवनति भी हृदयद्रावक है। योग्य इतिहासकार, टैसीरस कहता है कि- 'रोमन जाति के उत्कर्ष के वक्त रोमन स्त्रियों के