Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
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( १२६ )
मंजिष्ठा से कपड़े को रंगने के लिये निम्नलिखित वस्तुएं चाहिये--फिटकिरी का पानी, सोडे का पानी, साबुन का पानी, और मंजिष्ठा का चूर्ख, (मंजिष्ठा के बारे में पहले लिखा गया है । )
फिटकिरी का पानी - फिटकिरी ५ छटांक पानी-५ सेर या १ गैलन | फिटकिरी को महीन पीस कर पानी में छोड़ते ही घुल जायगी। जब फिटकिरी पानी में घुल जाय तो उस पानी को एक मिट्टी के घड़े या गमले में रखें ।
सोड़ा का पानी - सोडा आधा सेर या १ पाउंड, पानी ५ सेर या १ गैलन | सोडे का पानी में घोल कर एक मिट्टी या कोई दूसरे बर्तन में रक्खें । यदि सोड़े के साथ मेल मिला हो तो उसे छान डालें ।
साबुन का पानी - अच्छा कपड़ा धोने का साबुन ( Bar saop ) डेढ पाव या १२ औंस पानी ५ सेर या गैलन । साबुन के छोटे छोटे टुकड़े काट कर पानी के साथ गरम करने से सब साबुन घुल जावेगा ।
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रंगने की विधि
( १ ) फिटकिरी का पानी-५ सेर- १ गैलन, सोडे का पानी १ ॥ पाव १२ आउन्स
फिटकिरी का पानी एक चौड़े मुंह के बर्तन में रक्खें, और सोड़े के पानी को इस फिटकिरी के पानी में धीरे-धीरे छोड़ते जायं । सोड़े के पानी को पहिले छोड़ते ही फिटकिरी का पानी सफेद हो जायगा और दही की तरह एक सफेद वस्तु बर्तन के तले पर बैठ जावेगा । फिटकिरी के पानी को एक लकड़ी से खूब चलाते रहिये । सोड़े के पानी को और छोड़ने पर फिटकिरी का पानी धीरे-धीरे साफ हो जायगा । सोडे का पानी बहुत थोड़ा थोड़ा, यहां तक कि एक-एक बूंद करके अब फिटकिरी के पानी में छोड़ते रहिये । यदि सब सोड़े के पानी से फिटकरी का पानी साफ न हो जावे तो फिर और सोड़े का पानी मिलाना आवश्यक नहीं है। यही मिलाया हुआ पानी काम दे सकेगा। इसे ज्यादा देर तक रख छोड़ने से यह खराब हो जाता है और काम में न आ सकेगा। इस तरह बनाए हुए पानी में भाध घण्टे तक कपड़े को भिगो कर अच्छी तरह निचोड़ कर सुखा डालें। इसके बाद १२ घण्टे कपड़े को हवा में फैला रक्खें ।
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