Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
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(३) गाडा खाकी पक्काहर्रा चूर्ण ४ छटांक-८ पाउन्स; गरम पानी ५ सेर-१ गैलन
इनको आध घण्टे तक खोलाकर सत निकालें। इस गरम सत में माध घण्टे तक कपड़े को भिगोकर निचोड़ डालें।
तूतिया माधी छटांक-१ माउन्स; गरम पानी ५ सेर-१ गैलन भाध घण्टे तक कपड़े को इसमें डुबोकर साफ पानी से धो डालें।
तूतिया देने से खाकी रंग के साथ थोड़ा लाल प्राजाता है। तूतिया के साथ थोड़ासा हीराकष (पाव तोला ) देने से खाकी रंग बहुत गाढ़ा बन जाता है।
(४) गेरुमा पक्का:गरान की छाल प्राध सेर-१ पाउंड; पानी ५ सेर-१ गैलन
माध घंटे तक पानी में इन छालों को उबालकर उनका सत बना लेवें । इस गरम सत में कपड़ों को आध घंटे भिगो कर निचोड़ डालें ।
फिटकरी २ छटांक-४ पाउन्स; गरम पानी ५ सेर-१ गैलन इसमें १५ मिनिट कपड़े को भिगो कर निचोड़ डालें । सोड़ा २ छटांक-४ आउन्स गरम पानी ५ सेर-१ गैलन भाष घण्टे तक कपड़े को इसमें भिगो कर साफ पानी से धो डालें।
(५) बैंगनी रंग पक्का:गरान की छाल का चूर्ण भाषा सेर-१ पाउण्ड पानी ५ सेर-१ गैलने
इसको आधे घण्टे तक पानी में उबाल कर सत निकालें और इस गरम सत में आप घण्टे कपड़ों को भिगो कर निचोड़ डालें। यह सत एक बार म्यवहार कर खेने पर भी काम में लाया जा सकता है।