Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan

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Page 115
________________ ( ११३ ) कपड़े रंगने की विधि कई परीक्षित रंगने की रीतियां यहां पर दी जायेंगी । रंग बनाने के लिये जिन पदार्थों का परिमाण यहां पर दिया गया है, उससे एक साड़ी ( १०-११ हाथ लम्बी ४४-४६ इश्च चोड़ी) अच्छी तरह गंगी जा सकेगी । यदि कपड़ा या सूत कम या ज्यादा हो तो उसी के अनुसार रंग का परिमाण भी कम या ज्यादा कर लेना आवश्यक है । रंगने के पहले यहां पर दिये हुए नियमों को अच्छी तरह समझ स उचित है। नये सीखनेवालों को पहले पुराने कपड़ों के टुकड़ों को रंग कर सीखना उचित है। इन विधियों में देशी और अंग्रेजी दोनों तौल दी गयी है । अपनी अपनी इच्छानुसार दोनों में से किसी एक तौल का व्यवहार किया जा सकता है । ( १ ) मटीला या गेरुच्या पक्का: हर्रा चूर्ण भाधी छटांक - १ ब्राउन्स पानी ५ सेर-१ गैलन आधे घण्टे तक खौला कर सत बना कर गरम सत में आधे घण्टे तक कपड़े को भिगोवें। उसके बाद लाल कसीस श्राधी छटांक - ( १ भाउन्स ) ( पानी ५ सेर - १ गैलन ) इसमें फिर १५ मिनट कपड़े को भिगो कर साफ पानी से धो डालें । (२) खाकी पक्का: हर्रा चूर्ण २ छटांक - ४ आउन्स; पानी ५ सेर- १ गैलन इसको आधे घण्टे तक खौलाकर सत बनायें और उस रात में भाष घण्टा कपड़े को डुबो कर रखें। फिर निचोड़ कर लाल कसीस १ कटांक-२ श्राउन्स गरम पानी ५ सेर--१ मिलन : इसमें कपड़े को आधे घण्टे तक भिगो कर साफ पानी से धो डालें । १५ -

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