Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
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(१२) गाड़ा कत्थई पक्का:
पूर्वोक्त नियम से कपड़े पर दोबारा कत्थई रंग चढ़ाने से अच्छा पक्का गाढ़ा रंग कपड़े पर चढ़ता है। एक बार रंग चढ़ाकर कपड़े को अच्छी तरह साफ पानी से धोकर फिर रंग चढ़ावें । प्रत्येक बार इसी कत्थे के सत से काम चल सकता है, परन्तु तूतिया या लालकसीस का पानी प्रत्येक बार नया बनाना पड़ेगा ।
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(१३) घना कत्थई पक्का:
कत्थे का चूर्ण ४ छटांक ८ आउन्स पानी-५ सेर - १ गैलन । इसको आध घंटे तक उबाल कर सत बनाइए । कपड़े को आध घंटे तक गरम सत में भिगोकर निचोड़ डालिये ।
तूतिया :- १ छटांक -२ श्राउन्स, हीराकस - १ छटांक - २ ग्राउन्स, गरम पानी ५ सेर - १ गैलन । इसमें कपड़े को आध घंटे तक भिगोकर निचोड़ डालें । बाइक्रोमेट:-- १ छटांक - २ आउन्स, गरम पानी ५ सेर-- १ गैलन । इसमें कपड़े को आध घंटे तक भिगोकर साफ पानी से धो डालें ।
तूतिया:- १ छठांक २ आाउन्स, हीराकष - १ छटांक - २ आउन्स, गरम पानी-५ सेर-- १ गैलन | इसमें कपड़े को आध घंटे तक भिगोकर निचोड़ डालें. बाइक्रोमेट या लालकसीस:- १ छटांक - २ आउन्स, गरम पानी ५ सेर - - १ गैलन । इसमें कपड़े को आध घंटे भिगोकर साफ पानी से धो डालें । कत्थे के साथ ही थोड़ी-सी (पाव तोला ) गरान की छाल मिला लेने से कपड़े पर गेरुआ रंग चकोलेट [Chocolate] रंग चढ़ेगा ।
(१४) नीला रंग पक्का:
जिस रीति से नील से रंग निकाला जाता है वह पहिले ही बता दी गई | नील पानी में नहीं घुलता, परन्तु कई रसायनिक उपायों से नील पानी में घोला जा सकता है। यहां पर एक बहुत ही सुगम उपाय दिया जाता है । नील-- २ छटांक -- ४ आउन्स, हीराकष--४ छटांक -८ ब्राउन्स, फूला चुना श्रध सेर - १ पोड़; पानी ५ सेर-- १ गैलन ।