Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan

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Page 117
________________ (१५) हीराकष पौन छटांक, डेड़ आउंस: गरम पानी ५ सेर-गैलने गरम पानी ५ सेर-१ गैलन १५ मिनट इसमें कपड़ों को भिगो कर निचोड़ डाले। (हीराकष का •पानी फिर काम में लाया जा सकता है) इसके बाद कपड़े को गरान की बाल के सत में फिर १५ मिनट भिगो देवें और निचोड़ कर फिर १५ मिनट हीराकष के पानी में भिगो कर निचोड़ डालें। इस तरह कपड़ों को दो बार रंग कर सोड़ा २ बटांक-४ भाउन्स गरम पानी ५ सेर-१ गैलन इस खारे पानी में कपड़ों को आध घण्टे तक भिगो कर साफ पानी से धो डालें। लोहे का पानी हीराकष के बदले गरम पानी में घोल कर व्यवहार करने से पका रंग बन जाता है। (६) बादामी पक्का:हीराकष आधी छटांक-१ माउन्स; गरम पानी ५ सेर-१ गैलन १५ मिनट इसमें कपड़े को भिगो कर निचोड़ डालें। चूना १ छटांक-२ आउन्स; पानी ५ सेर-१ गैलन चूने को पानी में छोड़ कर उसे दूध की तरह बना डालें। कपड़े को खोल कर इस चूने के पानी में अच्छी तरह भिगो लेवें। अब इसे निचोड़ कर सुखा लेना चाहिये। कपड़े पर पहिले कच्चे घास का रंग पाता है, इसके बाद अच्छी तरह सूखने पर बादामी रंग खिलता है। अब कपड़े को फिर पानी से धो कर सुखा डालें। - इस तरह बादामी रंग को दो या तीन बार कपड़े पर चढ़ाने से बसन्ती रंग मा जायगा, परन्तु कपड़ा कुछ कड़ा पड़ जाता है। (७) काबा पक्का

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