Book Title: Mahavir 1934 01 to 12 and 1935 01 to 04
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan

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Page 103
________________ (,१०१ ) जातीय उत्थान ___ और इतिहास लेखकमीमाशंकर शर्मा, वकील, सिरोही "The love of history seems inseparable from human nature because it seems inseparable from self-love." 'Lord Boling broke.' "जिस जाति का अपना कोई इतिहास नहीं है, वह संसार में बहुत दिनों तक जीवित नहीं रह सकती।" . 'अज्ञात' "किस्सये अज़मते माजी को न मुहमिल समझो; कौमें जाग उठती हैं अक्सर इन अफ़सानों से" । परवा' उमति प्राप्त सभ्य संसार की दृष्टि में भारतवर्ष क्यों हेय समझा जाता है ? अभ्युदय के मार्ग में आगे बढ़ी हुई जातियों में भारतीय क्यों पीछे ( Back ward ) गिने जाते हैं ? भारतियों में किस बात की कमी है या वे किस विषय में दूसरी जातियों के मुकाबिले में कम जानकारी रखते हैं ? संसार में भाज दो विषयों के विशेषज्ञों की बोल बाला है। विज्ञान ( Science ) और राजनीति ( Politicks) जिसमें कानून ( Law) भी शामिल है। इन दो विषयों के मानने

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