Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 7
________________ ( ४ ) विषय पृष्ठ २०६ २०० गनमा उ तुओं क साना तथा विशेष वर्णन ... ... १८१ गुपस्थानों में बन्ध ... गुणस्थानों में सत्ता तथा उवय गुणस्थानों में उदीरणा .. गुण स्थानों में अल्प बहुत्व ... छह माव और उनके मेव कर्म के और धर्मास्तिकाय आदि अजीव प्रथ्यों के भाव २०४ गणस्थानों में मल माय ... संख्या का विचार २०८ संख्या के मेव-प्रमेव संख्या के तीन मेवों का स्वरूप ... २०१६ पस्यों के नाम तया प्रमाण ... ... २१० पल्मों के भरने आदि की विधि ... २१२ सर्षप-परिपूर्ण पल्यों का उपयोग २१७ असंख्यात और अनन्त का स्वरूप २१८ असंख्यात तथा अनन्त के मेवो के विषय में कार्मग्नम्पिक मत सतीयाधिकार के परिशिष्ट ... परिशिष्ट "प" -- परिशिष्ट “फ" परिशिष्ट "" परिशिष्ट नं. १ परिशिष्ट न०२ परिशिष्ट नं. ३ २४० २२१ २२७

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