Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 6
________________ विषय पृष्ठ इम्निय और काय-मार्गणा का अल्प महत्व योग और बेव-मार्गणा का अल्प पहत्व कषान, शान संयम और दर्शन-मार्गणा का अल्प पहत्व लेषया आदि पांच मार्गणाओं का अल्प-महत्व द्वितीयाधिकार के परिशिष्ट परिशिष्ट "ज" ... परिशिष्ट "स" ... परिशिष्ट "" ... परिशिष्ट "" परिशिष्ट "" परिशिष्ट " परिशिष्ट " परिशिष्ट "" परिशिष्ट "व" ... परिशिष्ट "" ... [ ३ ] गुणस्यान के अधिकार ... गुणस्थानों में जोवस्थान गुणस्थानों में योग गुणस्थानों में उपयोग सिद्धान्त के कुछ मन्तव्य "" गुणस्थानों में लेषा तथा बन्ध-हेतु ___... १७२ बन्ष-हेतुओं के उत्तर भेव तथा गुणस्थानों में मूल बम्ब-हेतु १७५ एक सौ बीस प्रकृतियों के यथा संभव मूल बन्ध-हेतु .'' १७९

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