Book Title: Karmagrantha Part 4 Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti JodhpurPage 363
________________ गा. भा० सं० ५,८,६०-संत [6.8] सला ६०-संतुदय संचारब ५१--संसइय [176.5] समयिक दि 'सजा'। 'सचा' और 'उदय'। 'सांशयिक' नामक मिथ्यारव. विष। भषति होता है। ८६--इंद 50,54- हेड ८०,८४-होइ भवति होता है। समान कर्मग्रन्थ भार पारPage Navigation
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