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श्री देवेन्द्र सरी-विरचित 'षडशीति'-अपरनामक कर्मग्रन्थ भाग-चार
(आचार्य सम्राट पूज्य श्री १००८ श्री आनन्द ऋषि जी महाराज
की ७५वीं दीक्षा जयन्ती पर प्रकाशित)
विवचक
पं० सुखलाल जी संघवी भूतपूर्व प्रोफेसर-बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
प्रकाशक:श्री बर्द्धमान स्थानकवासी जैन धामिक शिक्षा समिति,
बडोत (मेरठ) २५० ६११