Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 361
________________ गा० ४५,५०,७१, --सव्व ७३---मसिहमरिय सशिखत ११--सामार [५४.८] साकार ५२. सामाइय[५५२०] सामायिक ५--साय सात १३,१८,२६,४३, सासा(सोग सासादन शिखा- अपर तक भरा था। थाकारवाळे-विशेष उपयोग। 'सामायिक नामक संयम-विशेष । सातवेदनीय कर्म । 'सासापन' नामक दूसरा गुणस्थाना सासावनभाव ४९-सासमभाव ६८,८५--सिब ११-२,१४,२१, }-मुब(य)[५६-६] 'सामान की अवस्था । मुरु जीव । सिद्ध श्रुत कमग्रन्थ नाम पार १३,१४,२२, ११, --सुम [६४-१५] ९ . शुक्ला सूत्रोक 'मला' नामक खेश्या-विशेष। सूत्रोंमें राहुला।

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