Book Title: Kalyan Mandir
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 36
________________ कल्याण-मन्दिर स्तोत्र हे भगवन् ! देवताओं द्वारा डुलाए जानेवाले पवित्र श्वेत चवर, आपके चरणों की ओर काफी नीचे झुक कर, रहस्यपूर्ण ढंग से जनता को मौन सूचना देते हुए, पुनः ऊपर की ओर उठते हैं। मौन सूचना क्या देते हैं ? यह सूचना देते हैं कि जो भी व्यक्ति इस संसार के सर्वश्रेष्ठ महामुनि को भक्तिनम्र होकर नमस्कार करते हैं, वे निश्चय ही शुद्ध स्वरूप प्राप्त कर ऊर्ध्व-गति-मोक्ष में जाते हैं। टिप्पणी भगवान् के दोनों ओर देवता पवित्र श्वेत चंवर डुलाते हैं। डुलाते समय चँवर पहले नीचे की ओर झुकते हैं और बाद में ऊपर की ओर जाते हैं। आचार्यश्री ने इसी साधारण-सी बात पर उत्प्रेक्षा-अलंकार के द्वारा अतीव अनूठे भावों की अवतारणा की है। आचार्य कहते हैं--श्वेत चवर नीचे झुककर, पुनः प्रभु के दिव्य शरीर से निकलनेवाली उज्ज्वल किरणों से चमकते हुए ऊपर उठते हैं, तो दर्शक जनता को मौन संकेत करते हैं कि भगवान् को झुक कर नमस्कार करनेवाले भक्त हमारे समान ही श्वेत-निर्मल होकर ऊपर मोक्ष में जाते हैं। यह 'चामर' नामक चतुर्थ प्रातिहार्य का वर्णन है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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