Book Title: Kalyan Mandir
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 65
________________ भक्ति जिने भक्तिर् जिने भक्तिर्, जिने भक्तिः सदास्तु मे। सम्यक्त्वमेव संसार-- वारणं मोक्ष - कारणम् ॥ श्रुते भक्तिः श्रुते भक्तिः, श्रुते भक्तिः सदास्तु मे। सज्ज्ञानमेव संसार वारणं मोक्ष - कारणम् ॥ गुरौ भक्तिर् गुरौ भक्तिर्, गुरौ भक्तिः सदास्तु मे। चारित्रमेव संसार-- वारणं मोक्ष - कारणम् ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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