Book Title: Kalyan Mandir
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
View full book text
________________
श्री पद्मावती स्तोत्र
। १:
श्रीमद् - गीर्वाणचक्रस्फुट - मुकुटतटी, दिव्य - माणिक्य माला ।
ज्योतिर्वालाकरालस्फुरित मुकुरिका,
घृष्ट - पादारविन्दे || व्याघ्रोरोल्का - सहस्र-ज्वलदनलशिखा, लोल - पाशांकुशाढ्ये | ॐ क्रीं ह्रीं मंत्ररूपे ! क्षपित कलिमले रक्ष मां देवि ! पद्मे ॥
-
Sup
भित्वा पातालमूलं चलचलचलिते ! व्याल- लीला-कराले ! प्रहरणसहिते, सद् - भुजैस्तर्जयन्ती । दैत्येन्द्र क्रूर दंष्ट्रा - कटकटघटित -
विद्य ुद्दण्ड प्रचण्ड
स्पष्ट - भीमाट्टहासे ! कुहरितगगने,
मायाजीमूतमाला
रक्ष मां देवि ! पदमे ||
-
२ :
Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101