Book Title: Kalyan Mandir
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
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मी पपावती स्तोत्र
कोपं वं झं सहसा कुवलयकलितोद्
दामलीला - प्रबन्धे । ह्रां ह्रीं ह्र पक्षबीजैः शशिकर-धवले।
प्रक्षरत् - क्षीरगौरे ॥ व्याल - व्याबद्धकूटे ! प्रबलबलमहा
___ कालकूट हरन्ती। हा हा हुँकारनादे ! कृतकरमुकुलं,
रक्ष मां देवि पदमे ।।
प्रातर्बालार्क - रश्मिच्छरितधनमहा
सान्द्रसिन्दूर • धूली। सन्ध्यारागारुणाङ्गी त्रिदशवर - वधू
__ वन्द्य • पादारविन्दे ! चञ्चच्चण्डासिधारा • प्रहतरिपुकुले ।
___ कुण्डलाघृष्ट-गल्ले । श्रां श्रीं श्रूश्रौं स्मरन्ती मदगज-गमने।
रक्ष मां देवि पद ॥
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