________________
अवश्य मंगायें !
अवश्य पढ़ें! श्री अमर भा र ती
श्री अमर भारती श्रमण-संस्कृति एवं पूज्य गुरुदेव राष्ट्रसन्त उपाध्याय श्री अमरमुनिजी म. के उदात्त विचारों का प्रतिनिधि पत्र हैं। इसमें पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक, प्रवचन, समन्वयवादी विचार एवं लेख प्रति मास प्रकाशित होते हैं। नैतिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जीवन-विकास के लिए पूज्य गुरुदेव के विचार सही दिशा-निर्देशक हैं। इसलिए आप स्वयं श्री अमर भारती के सदस्य बने एवं अपने साथियों को प्रेरणा देकर सदस्य बनायें।
- सम्पादक
Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org