Book Title: Kalyan Mandir
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 97
________________ कल्याण-मन्दिर स्तोत्र दिव्यं स्तोत्रं पवित्रं पटुतर पठता भक्ति - पूर्व त्रिसन्ध्यं । लक्ष्मी-सौभाग्यरूपं दलितकलिमलं, __ मंगलं मंगलानाम् ।। पूज्यं कल्याणमालां जनयति सततं; पार्श्वनाथ • प्रसादात् । देवी - पद्मावतीतः प्रहसित वदना, या स्तुता दानवेन्द्र ।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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