Book Title: Jayant Balbhadra Desh ka Rajkumar
Author(s): Ganpati Krushna Gurjar
Publisher: Granth Prakashak Samiti

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नहीं थे---रामदास या ब्रीद्र स्वामी गिरिकन्दराओं में निकम्मे पड़े रहने वाले 'साधु' नहीं थे । इन्होंने जो कार्य किया है वह सदा संसारके सुधारकी शिक्षा देनेवाला है । मूल्य =) महात्मा टालस्टायके तीन लेख । ( १ ) लोग नशा क्यों करते हैं ? इस लेखको पढ़िये । आपको विश्वास हो जायगा कि शराबखोरी, सिगरेट-बाड़ी, तमाखू, सुरती, गांजा भांग वगैरे जितने नशे हैं उनसे बढ़कर मनुष्यको हानि करनेवाली दूसरी चोज नहीं । इस खूबोके साथ समझाया है कि मन बदलता है और नशेसे तिरस्कार पैदा होता है । ( २ ) उद्योग और आलस्य । . मनुष्यका कर्तव्य क्या है; उसे कौन कौनसे उद्योग करना चाहिय; उनमें भी सबसे पहिले कौनसा उद्योग आवश्यक है; आलस्य ममुष्यका शत्रु क्यों है ; उसे अपनानेसे क्या क्या हानियाँ होप्तो है ; इत्यादि प्रत्येक मनुष्य के लिये उपयोगी बातें इस लेखमें योग्यताके साथ समझायो गई हैं। ( ३ ) शिक्षा संबंधी पत्र । यह पत्र क्या है इसके एक एक वाक्य एक एक स्वतंत्र लेखके शोषक बन सकते हैं। यदि आप अपनेको और अपनो सन्तानोंको जीवन संग्राममें डटकर युद्ध करने योग्य रणधीर बनाया चाहते हैं तो इस महात्माके पत्रको केवल पढ़कर मत छोड़िये; जबतक उसका अमल आप न करें तबतक उसका मनन करते जाइये । मूल्य |-) प्रन्थ-प्रकाशक समिति, ब्रीबीहटिया, काशी । ( Benares city.) For Private And Personal Use Only

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