Book Title: Jambuswami Charitam
Author(s): Ratnaprabhsuri, Hemsagarsuri
Publisher: Dhanjibhai D Zaveri

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Arachana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyan mandir जम्यूचरित्रे शिवकुमारस्य सागरदत्तमुनिसमागमः। IN ७६ ॥ ता जावऽजवि जज्जरइ, नो जरा देहपंजरं ताव । अइउज्जमेण जुज्झइ, मह पव्वज्जा पवज्जेउं ॥ ७७ ॥ इय चिंतिऊण मणगारसामिणो अमयसागरगुरुस्स । पयमूले पवईओ, बहुपस्थिवपुत्तपरिवारो ॥ ७८ ।। सुयसागरपारीणो, पावइ पावक्खएणमोहिवरं । नियचरणं चरमाणो, चरणे परिचरइ सुगुरूण ॥ ७९ ॥ चविय भवदेवदेवोवि, तंमि विजयमि वीयसोगाए । पउमरहरायवणमालदेविअंगुब्भवो जाओ ।। ८०॥ कय सिवकुमारनामो, अभिरामो जोव्वणुव्वणगुणेहिं। समवयरूवाहिं कुलब्भवाहिं सह रमइ रामाहिं ।। ८१ ॥ पुरनगरागरगामाभिराममहिमंडलंमि विहरंतो। सागरदत्तऽणगारो, पसमाऽऽहारो तहिं पत्तो ।। ८२ ।। अणुजाणाविय उम्गहमणुग्गहत्थं जणाणमुज्जाणे । समवसरिओ स वरिसेइ, देसणा अमयधाराहिं ॥ ८३॥ मासक्खवणं काऊण, पारणा. तेण सत्थवाहगिहे । विहिया हियावहेणं, जणाण पडिया य वसुहारा ॥ ८४॥ निसुणिय पारणपश्चप्पवंचपंचप्पयारदिव्वाई। | सागरसुसाहुसेवा-सूहवहिय पणमेइ सिवो ॥ ८५ ।। तिपयाहिणपुव्वं, पायपंकए पणमिऊण पुरओ से। उवविसिउणं सद्धम्मदेसकाणाऽमयरसं रसइ ॥ ८६ ।। चउदसपुवी सो ओहिनाणवं केवलि व्व सबहियं । जिणधम्मरम्ममम्म, गंभीरगिराए वाहरइ ।।८।। |जे निरवाओ काओ, अमिरामाओ सकामरामाओ। अहिलसियकज्जसिद्धी फलमेयं पुव्वधम्मस्स ।। ८८ ॥ फलपज्जते एयरस जइ जिओ अज्जिणेइ नवनवं । गयपाहेओ पहिओ व्व, तो स सोएइ परलोए ॥ ८९ ॥ विसय-कसाय-पमायप्पिसायमविसायमुNI झिऊण तओ। सयलसमीहियसज्जे, संजमरज्जे समुज्जमह ॥९०॥ सिक्खियसिक्खादिक्खा, खणेण उक्खणियतिक्खदुक्खाई। रोवेइ जीवथाणेसु, सग्गमोक्खाण सोक्खाई ॥ ९१॥ रिसिमवसरंमि सो विन्नवेइ हरिसूससंतरोमंचो। मह तह दिटे उदेइ, सुठु तुट्ठी य पुट्ठो य ।। ९२ ।। तो कोवि पारभविओ, किमत्थि तइ मज्झ सयणसंबंधो। अह परिभावियसब्भूय, ओहिणा भणइ मुणिसीहो ।। ९३ ।। पत्तो तं तइयभवे, भवदेवो आसि मज्झ लहुभाया । जंबुद्दोवगभरहे, अकवडपडिबंधपडिबद्धो ॥ ९४ ॥ मह | मणअणुवित्तीए, गहियवओ पालिऊण पव्वजं । जाओ सोहम्मसुरो, अहंपि तत्थवि थिरसिणेहो ।। ९५॥ पुन्वभवन्भासाओ, मइ तुह सो संपयपि पक्खुमिओ। मह गयरागस्स पुणोऽणुग्गहबुद्धी न उण नेहो ॥ ९६ ॥ भणइ कुमारो भयवं, अवितहमेयं Zeeercaeoecoecoercemercen Precipeenetweecree For Private And Personal use only

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64